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राजनीति में आने की कोई उम्र नहीं होती और इस बात पर किसी को ऐतराज नहीं होगा. 77 साल के मुलायम सिंह यादव भी सक्रिय राजनीति में हैं लेकिन आप सोच रहे होंगे कि ये दो महीने का कौन स्टार प्रचारक हो सकता है. जी हाँ ये दो महीने का स्टार प्रचारक ही है जो अभी तक एक दल के लिए स्टार प्रचारक बना हुआ है.

ये है सपा का स्टार प्रचारक:

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सभी दलों के स्टार प्रचारक धुंआधार कैंपेन करने में जुटे हुए हैं. समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव में अपनी नैया पार लगाने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दिन भर सभाएं करते रहते हैं. अपने काम को गिनाने के साथ ही वो नोटबन्दी पर भी जमकर बीजेपी को निशाना बनाते हैं. बस यहीं से शुरू होता है 2 महीने के स्टार प्रचारक का काम. अखिलेश यादव नोटबंदी के दौर में पैदा हुए एक बच्चे का जिक्र अपनी सभी सभाओं में करते हैं.

सपा ने बनाया इस 2 महीने के बच्चे को स्टार प्रचारक:

  •  ‘खजांची‘ वो नाम है जो यूपी की जनता के लिए कौतूहल विषय बन गया था.
  • दरअसल, नोटबंदी के वक्त जब कानपुर की दिव्यांग सर्वेशा देवी 5 घंटे तक लाइन में लगी रहीं.
  • उसी वक्त उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया।
  • बैंककर्मियों में बड़े प्यार से उसका नाम ‘खजांची’ रख दिया।
  • ये किस्सा तो आप अखिलेश यादव द्वारा सुन ही चुके हैं.
  • पैदा होते ही अखिलेश यादव की तरफ से बच्चे के परिवार को 2 लाख रु की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया गया.
  • बस फिर क्या था, हर रैली में खजांची के जिक्र ने रातों-रात उसे एक स्टार बना दिया, या कहिये तो सपा का स्टार प्रचारक।
खैर, खजांची के परिवार में उसके अलावा चार बच्चे और भी हैं. पिता की असमय मौत के बाद खजांची की माँ के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी थी. बैंक की लाइन में खड़ी सर्वेशा ने जब बच्चे को जन्म दिया, तब ये सपने भी नहीं सोचा होगा कि उनके बच्चे का नाम प्रदेश के मुख्यमंत्री की जुबान पर दिन-रात रहेगा। पीएम मोदी और बीजेपी पर हमला करने के लिए अखिलेश खजांची के जन्म के किस्से को हर रैली में सुनाते हैं.

अखिलेश की हर रैली में खजांची का होता है जिक्र:

  • पता नहीं खजांची की मां उसे पढ़ा-लिखाकर क्या बनाना चाहती हैं.
  • लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री ने फ़िलहाल सपा का ‘नन्हा’ स्टार प्रचारक जरूर बना दिया है.
  • खजांची की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही है.
  • लेकिन शायद ही खजांची की मां ने सोचा होगा कि उसका एक 2 महीने का बच्चा यूपी चुनाव में प्रचार का हथकंडा बन जायेगा.
  • सवेशा देवी को नहीं मालूम था कि अखिलेश यादव की हर रैली और सभा में उसका जिक्र होगा।
कानपुर में मजरा शाहपुर डेरापुर की सर्वेशा देवी को यूपी सरकार की तरफ से लोहिया आवास आवंटित किया गया था। 2 दिसंबर को वह अपनी सास शशि के साथ PNB गई थी. लोहिया आवास की किश्त का पैसा निकालने गई सर्वेशा ने एक बच्चे को वहीँ पर जन्म दिया था।
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