बहुजन समाज पार्टी ने रविवार को लखनऊ के मान्यवर कांशीराम स्मारक में पार्टी के संस्थापर कांशीराम की दसवीं पुण्यतिथी पर बड़ी रैली का आयोजन किया। कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बसपा प्रमुख मायावती ने अपने लाखों समर्थकों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। लेकिन इस कार्यक्रम को अब शायद ही बसपा के भव्य आयोजन या फिर कांशीराम की पुण्यतिथि के तौर पर याद किया जाएगा।

  • मायावती के रैली स्थल पर पहुंचने के साथ ही मैदान में भगदड़ मच गयी।
  • लोग एक के बाद एक इस भगदड़ का शिकार बन एक-दूसरे पर गिरते रहें।
  • इस भगदड़ में तीन लोग मौत के मुंह में समा गयें।
  • लेकिन इन सबके बीच मायावती का संबोधन जारी रहा।
  • इस दुखद घटना के बीच भी मायावती ने संबोधन रोकना उचित नहीं समझा।
  • उनका संबोधन तय समय पर सभी बिन्दुओं का उल्लेख करने के बाद ही समाप्त हुआ।

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घटना से अंजान रहीं मायावतीः

  • मायावती ने सबसे पहले तो रैली में आये लोगों का अभिवादन किया।
  • उसके बाद पीएम मोदी और केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।
  • उन्होंने भाजपा पर मुसलमानों को डराने और कांग्रेस-सपा पर यूपी को लगातार पीछे ढकेलने का आरोप लगाया।
  • इसके साथ ही उन्होंने बसपा शासन काल में किये गये कामों का बखान भी किया।
  • पूरी बात खत्म होने पर कांशीराम को याद करते हुए और बसपा को प्रदेश की सत्ता में वापस लाने के संकल्प के साथ रैली खत्म हो गई।
  • मायावती के संबोधन के बीच बीच भगदड़ से घायल लोगों को अस्पताल ले जाया जाता रहा।
  • लेकिन मायावती ने घायलों की सुध लेना जरूरी नहीं समझा।
  • हालांकि शाम को नसीमुद्दीन के जरिये मायावती ने मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता देने का ऐलान करवाया।
  • लेकिन इस वक्त भी उन्होंने सामने आने की हिम्मत नहीं जुटायी।
  • बता दें, कि 2002 में बसपा रैली के बाद लखनऊ स्टेशन पर मची भगदड़ में 12 लोगों की जानें गईं थी।
  • इस दुर्घटना में 25 से अधिक लोग घायल हो गये थें।
  • रविवार के घटनाक्रम ने एक बार फिर बसपा प्रमुख की संवेदनहीनता को जगजाहिर कर दिया।

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