उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की घड़ी जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, सूबे का सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है। पल-पल बदलते चुनावी समीकरण प्रदेश की सियासत को नई दिशा दे रहे हैं। यूपी में एक बार फिर महागठबंधन की कोशिशें फेल होने के बाद कई छोटे दल अपना सम्मान बचाए रखने के गठजोड़ कर रहे हैं। महागठबंधन को नाकाम करने का श्रेय एक बार फिर सपा को दिया गया।

  • मुलायम के महागठबंधन से हाथ पीछे खींचने के बाद यूपी में अब मिनी गठबंधन स्वरूप ले रहे हैं।
  • सोमवार क रालोद मुखिया अजीत चौधरी के नेतृत्व में एक गठबंधन बना।
  • इस गठबंधन में बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू और बी एस 4 शामिल हुई।
  • संभावना है कि कई अन्य छोटे दल भी इस गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
  • राष्ट्रीय समानता पार्टी, राष्ट्रीय क्रांति पार्टी, जनवादी पार्टी, जय हिंद पार्टी और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी जैसे कुछ छोटे दल भी गठबंधन में शामिल होंगे।

उम्मीदों पर फिरा पानीः

  • यूपी में हुए इस मिनी गठबंधन की पहली रैली राजधानी लखनऊ में 17 दिसंबर को होगी।
  • बिहार सीएम नीतीश कुमार इस गठबंधन का चेहरा बनेगे।
  • 17 दिसंबर को होने वाली रैली को नीतीश कुमार संबोधित करेंगे।
  • इन छोटे दलों का प्रबाव कुछ छोटे इलाकों और जाति विशेष के लोगों के बीच है।
  • ये सभी दल महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे।
  • लेकिन सपा प्रमुख के पीछे हटने के कारण इन्हें तगड़ा झटका लगा है।
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