यूपी चुनाव में महज कुछ महीने का समय ही शेष बचा है और तमाम राजनीतिक दल इसकी तैयारियों में जुटी हुई हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा अचानक 500 और 100 की नोटों पर रोक लगा दी है। अब राजनीतिक दलों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव में पैसा कैसे इस्तेमाल किया जाएगा।

  • यूपी के चुनावी समर में जिन नेताओ ने वोट खरीदने के लिए पैसा जमा करके रखा था वो पूरी तरह से बेकार हो गया है।
  • माना जा रहा है कि दिसंबर के अन्त तक चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू की जा सकती है।
  • आचार संहिता लागू होने के बाद पैसों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मुश्किल हो जाएगा।
  • 500 और 1000 के नोटों पर लगा प्रतिबंध नेताओं के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं माना जा रहा है।

नहीं बंट सकेंगे चुनावी तोहफेः

  • चुनाव में राजनीतिक पार्टियां प्रत्याशियों को जीताने के लिए पैसों का इस्तेमाल करती हैं।
  • जिसके जरिए प्रचार गाड़ियों को सजाने, शहर में पार्टी का प्रचार करने में पैसे का खर्च किया जाता है।
  • नेताओं द्वारा वोटरों को नोट के जरिए की जाने वाली खरीद फरोख्त भी नहीं की जा सकती है।

जरूरी है एक नंबर का पैसा होनाः

  • सरकार ने अब 500 और 2000 रुपए के नए नोट लाने का फैसला लिया है।
  • ऐसे में राजनीतिक पार्टियों को इस नोट को पाने के लिए बैंको तक जाना पड़ेगा।
  • इसेक लिए राजनीतिक दलों के पास एक नंबर का पैसा होना भी जरूरी है।
  • एक वेबसाइट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 2,259.04 करोड़ रूपये चंदे के तौर पर जुटाए थे।
  • जिसमें से 68.33 प्रतिशत पैसा कैश था।
  • वहीं भाजपा ने 1,983.37 करोड़ रूपये जुटाए थे जिसमें से 44.69 प्रतिशत कैश था।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें