यूपी चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए उनके पॉलिटिकल मैनेजरों की अहम भूमिका होगी. पॉलिटिकल मैनेजर वो होते हैं तो पार्टी की चुनावी रणनीति का ताना-बाना बुनते हैं. जमीन पर दिखाई केवल वो देता है वो नेता करते हैं. लेकिन ये नेता करते क्यों हैं और इसका लाभ किस प्रकार पार्टी को मिलेगा, इसकी सारी रणनीति पॉलिटिकल मैनेजर तैयार करते हैं. चुनाव में जीत के साथ ही ये पॉलिटिकल मैनेजर रातों-रात सेलिब्रिटी बन जाते हैं.

सभी राजनीतिक दल अब पॉलिटिकल मैनेजर के सहारे में चुनाव में जीत की संभावना तलाश रही है. पॉलिटिकल मैनेजर पार्टी के स्टार प्रचारक के लिए पूरा खाका बनाते हैं. प्रचार कैसे करना है, किस तरीके से करना है, कब विरोधी पर हमला करना है और विरोधियों के वार को नजरअंदाज करना है. इस कड़ी में 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए और 2015 बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के लिए रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर का नाम सबसे आगे है.

प्रशांत किशोर:

2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा सेल्फी लेना काफी चर्चा में रहा था. नरेंद्र मोदी को ऐसा करने की सलाह प्रशांत किशोर ने ही दी थी. लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से अनबन के बाद पीके अलग हो गए और बिहार चुनाव में बीजेपी पर ही उनकी रणनीति भारी पड़ गई जब पीके की रणनीति पर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में परचम लहरा दिया. पीके को पॉलिटिकल मैनेजमेंट का माहिर माना जाता है. इसका ताजा उदाहरण समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का चुनाव के मुहाने पर गठबंधन होना है. पीके की कोशिशों का नतीजा रहा है कि अब कांग्रेस और सपा साथ मिलकर यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं.

स्टीव जॉर्डिंग:

समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार और हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉर्डिंग ने अखिलेश की इमेज मेक ओवर का जिम्मा उठाया. अखिलेश यादव के भाषण के दौरान उनके हाव-भाव आदि पर विशेष ध्यान दिया और इनके सलाह पर अमल करते हुए अखिलेश ने भी अपने भाषणों के दौरान इन बातों का ख़ास ध्यान रखा. हिलेरी क्लिंटन का चुनाव मैनेज कर चुके जॉर्डिंग की टीम में करीब एक लाख लोग हैं. इन सभी को निर्देश देने का काम जॉर्डिंग ही करते हैं.

रजत सेठी: 

रजत सेठी तब चर्चा में आये जब बिहार और दिल्ली का चुनाव हार चुकी बीजेपी को असम में सफलता हाथ लगी. आईआईटी खड़गपुर से हॉवर्ड पहुंचे रजत सेठी को असम चुनाव के लिए बुलाया गया. संघ परिवार से नजदीकियों के कारण रजत को मौका मिला और रजत की रणनीति ने बीजेपी को देश के पूर्वी राज्य असम में जीत दिलाई. हालाँकि रजत सेठी को बीजेपी की चुनावी रणनीति की कमान देने के पीछे राम माधव का भी योगदान रहा. राम माधव ने ही रजत का नाम सुझाया था जिसे पार्टी ने मानते हुए रजत को असम में रणनीति तैयार करने की मंजूरी दी.

परेश मिश्रा:

ये सतीश मिश्रा के दामाद परेश ही हैं जिन्होंने अबतक सोशल मीडिया से दूर रही बसपा को सोशल मीडिया पर लाने की पहल की. यूपी में सबसे कम उम्र के बार काउन्सिल अध्यक्ष बसपा के मीडिया इंचार्ज होने के साथ ही आईटी सेल के हेड भी हैं. हाल ही में कैलाश खेर द्वारा बसपा का एंथम भी रिलीज़ हुआ, जिसका आईडिया भी परेश की रणनीति का हिस्सा था.

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