[nextpage title=”samajwadi party” ]

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का परिणाम आ चुका है और भारतीय जनता पार्टी 403 में से 325 सीट हासिल कर उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के लिए तैयार है। यह चुनाव जहाँ भाजपा के लिए जीत की ख़ुशी लेकर आया वहीँ समाजवादी पार्टी के लिए यह काफी हैरान कर देने वाला क्षण है। अखिलेश यादव को भी विश्वास नहीं हो रहा है कि यह कैसे हो गया। आज हम आपको बताने जा रहे है अखिलेश की हार के मुख्य कारण जिनको समझने में अखिलेश यादव से चूक हो गयी।

[/nextpage]

[nextpage title=”samajwadi party2″ ]

पारिवारिक कलह :

  • यूपी चुनाव की शुरुआत होने के लगभग 6 महीने पहले से ही समाजवादी पार्टी में झगड़ा शुरू हो गया था।
  • जो चुनाव के बिल्कुल पहले मुलायम और शिवपाल को नजरअंदाज करने के साथ ख़त्म हुआ।

मुस्लिमों की नाराजगी :

  • इसके अलावा अखिलेश यादव की सरकार में मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी काफी दंगे हुए।
  • जिसके कारण मुस्लिम वोटों की नाराजगी साफ़ तौर पर अखिलेश यादव को देखने को मिली।

युवाओं की नहीं मिला समर्थन :

  • अखिलेश सरकार में भर्तियाँ हुई तो सही मगर वे पूरी न हो सकी और कई तो अभी भी कोर्ट में लंबित है।
  • इसी कारण अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के युवाओं का भी पर्याप्त समर्थन न मिलना उनकी हार का मुख्य कारण बन कर उभरा है।

अधूरे विकास कार्य :

  • अखिलेश सरकार चुनाव की शुरुआत से ही विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे थे।
  • मगर अखिलेश द्वारा किये गए आधे-अधूरे विकास कार्य जनता को समझ आ गए और जनता ने अपना वोट सपा को नहीं दिया।

दागियों से नहीं किया परहेज :

  • अखिलेश यादव जहाँ मुख्तार अंसारी जैसे दागियों के पार्टी में आने के खिलाफ थे।
  • वहीं गायत्री प्रजापति, अरुण वर्मा जैसे लोगों से अखिलेश को कोई परहेज नहीं था।

[/nextpage]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें