मुलायमवादी और अखिलेशवादी दौर के बाद समाजवादी पार्टी में अब एक नया दौर आ गया है सपा में अब हर तरफ शिव-राज नजर आ रहा है। कौमी एकता दल के विलय के साथ शुरू हुए पारिवारिक विवाद में चाचा शिवपाल भतीजे अखिलेश पर लगातार भारी पड़ रहें हैं। अखिलेश ने भले ही सरकार की कुर्सी संभाल रखी है, लेकिन संगठन से उनका पत्ता साफ हो गया है। सपा संगठन में अब शिवपाल की तूती बोल रही है।

  • सपा की नई कार्यकारिणी घोषित होने के बाद बड़े जानकार भी इस बात को मानने लगे हैं कि अब शिवपाल का दौर होने वाला है।
  • पूरी कार्यकारिणी शिवपाल के लोगो से भरी है औऱ अखिलेश के समर्थकों की छुट्टी कर दी गई है।
  • पार्टी संगठन पर अब पूरी तरह से प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और उनकी टीम काबिज हो गई है।
  • प्रदेश संगठन में टीम अखिलेश या तो बाहर कर दी गई है या उनका कद कम हो गया है।
  • गुरुवार को जारी राज्य कार्यकारिणी की सूची में शिवपाल यादव के करीबियों को ही तवज्जो दी गई है।
  • यहां तक की समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहें सीएम अखिलेश यादव भी अब राज्य कार्यकारिणी का हिस्सा नहीं हैं।
  • अखिलेश विशेष आमंत्रित सदस्यों में भी जगह नहीं दी गई है, जबकि कई मंत्री और विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय इसमें शामिल हैं।
  • अखिलेश अब केवल पदेन मुख्यमंत्री राज्य और राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
  • इसके अतिरिक्त अखिलेस युवा संगठनों के राष्ट्रीय प्रभारी बने हुए हैं।

टीम अखिलेश के विरोधियों को मिली तवज्जोः

  • शिवपाल यादव ने कार्यकारिणी में या तो अपने करीबियों को जगह दी, या फिर उन्हें शामिल किया जो टीम अखिलेश के विरोधी हैं।
  • समाजवादी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के दीपक मिश्र हों या ओम प्रकाश सिंह, दोनों शिवपाल के नजदीकी हैं।
  • गोंडा के एमएलसी रणविजय सिंह को भी शिवपाल के करीबी होने का फायदा मिला।
  • इसके अलावा उदयराज यादव और राम लाल अकेला को टीम अखिलेश के सुनील यादव साजन के विरोधी होने का इनाम मिला।
  • एमएलसी आनंद भदौरिया के विरोधी अनूप गुप्ता को भी सचिव बनाया गया है।
  • टीम अखिलेश के अतुल प्रधान के विरोधी माने जाने वाले मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा को भी कार्यकारिणी में सदस्य बनाया गया है।

मैं समाजवादी हूं, मुलायमवादी हूं और मुलायम पुत्रवादी हूं!

अखिलेश की युवा टीम और करीबियों की हुई छटनीः

  • अखिलेश की युवा टीम के साथ उनके करीबी अनुभवी लोगों को भी राज्य कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है।
  •  पार्टी के उपाध्यक्ष रहे एमएलसी नरेश उत्तम अब केवल विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
  • मंत्री अरविंद सिंह गोप को महासचिव पद से हटाकर विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
  • पार्टी के सचिव रहे एमएलसी एसआरएस यादव भी अब केवल सदस्य हैं।
  • राजेंद्र चौधरी अब तक केवल इकलौते प्रवक्ता थे, अब वह चार प्रवक्ताओं की लिस्ट में शामिल हैं।
  • टीम अखिलेश के सुनील साजन, आनंद भदौरिया, संजय लाठर पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं।
  • नफीस अहमद, अनीस मंसूरी, अमिताभ वाजपेयी, पम्मी जैन और संग्राम सिंह भी संगठन से बाहर कर दिए गए हैं।
  • जाहिर है कि नई टीम मे अखिलेश के लोगो को जगह नही मिली और शिवपाल के वफादार छाये हुये हैं।
  • ऐसे में चुनाव के वक्त सरकार की ताकत कमजोर हो जायेगी तब संगठन के जरिये शिवपाल पार्टी पर हावी होगें।

समाजवादी पार्टी में अब नहीं बचा कोई समाजवादी, टीम अखिलेश पर बैन!

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