समाजवादी पार्टी की अंदरूनी कलह पर भले ही शीर्ष नेताओं ने चुप्पी साध ली है लेकिन हकीकत ये है कि भीतर ही भीतर ये आग लगातार सुलग रही है। झगड़े को इसलिए भी समाप्त नहीं माना जा रहा है क्योंकि ना तो झगड़े के सभी पहलुओं पर विचार किया गया है और ना ही ईमानदारी से झगड़े को सुलझाने की कोशिश की गयी है। अब तीन-पांच को अखिलेश और शिवपाल अपने-अपने शक्ति प्रदर्शन में जुट गये हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 3 नवंबर से रथ यात्रा शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें उनके चाचा शिवपाल यादव और उनके समर्थक मंत्री हिस्सा नहीं लेंगे।

  • शक्ति प्रदर्शन के दौर के बीच एक बार फिर खींचतान सतह पर आ गयी है।
  • पहले तो शिवपाल अखिलेश के विकास रथ से गायब हुए, इसके बाद उन्हें पोस्टरों और बैनरों में भी जगह नहीं मिली।
  • इसके बाद अब शिवपाल समाजवादी विकास रथ यात्रा के कार्यक्रम से भी बाहर हो गये हैं।
  • बताया जा रहा है कि अखिलेश खुद तय कर रहें हैं कि उनकी विकास यात्रा में कौन और कब शामिल होगा।
  • अखिलेश अपनी रथ यात्रा में किसे शामिल करेंगे इसकी जानकारी भी शिवपाल के पास नहीं है।
  • पार्टी की कमान शिवपाल के हाथों में होने के बावजूद अखिलेश सीधे नेताओं से संपर्क साध रहें हैं।
  • इस यात्रा में पार्टी से निकाले गए अखिलेश समर्थक मंत्री, नेता और एमएलसी भी शामिल होंगे।

रथ यात्रा में शामिल नहीं होगें शिवपालः

  • मंगलवार की शाम शिवपाल ने पार्टी कार्यालय पर अपने समर्थक मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई थी।
  • इस बैठक में शिवपाल समर्थकों ने अखिलेश की रथ यात्रा में शामिल होने से इंकार किया था।
  • हवाला दिया गया कि पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम की तैयारियों में लगे रहने के कारण ये यात्रा में शामिल नहीं हो पायेंगे।
  • खुद शिवपाल यादव भी रथयात्रा के सवाल को टालते नजर आ रहे हैं।
  • हालांकि शिवपाल ने अभी तक रथ यात्रा पर अपना रूख साफ नहीं किया है।
  • लेकिन उन्होंने यह कह कर अपने मंसूबे जता दिये हैं कि 5 नवंबर को सपा का बड़ा कार्यक्रम है।
  • उसकी तैयारियों मे जुटा हूं।
  • मालूम हो कि समाजवादी पार्टी की रजत जयंती के लिए खास तैयारियां की गई हैं।
  • इस कार्यक्रम में देश के 19 राज्यों के मेहमान हिस्सा लेंगे।
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