उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के 5 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिसके तहत सभी दल अन्य विधानसभाओं में चुनाव प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अगले दो चरणों का मुकाबला पूर्वांचल के सियासी मैदान में खेला जायेगा। पूर्वांचल में 6ठे और 7वें चरण के चुनाव के दौरान 14 सीटों पर चुनाव लड़ा जायेगा। यूपी विधानसभा के छठे चरण में ही आजमगढ़ जिले में भी चुनाव होना है। गौरतलब है कि, छठे चरण का चुनाव 4 मार्च, 2017 को होगा।

2012 में दलों का प्रदर्शन:

  • आजमगढ़ में छठे चरण में मतदान होना है, जिसके लिए सभी दलों ने अपनी कमर कस ली है।
  • जिला आजमगढ़ में कुल 10 विधानसभायें हैं।
  • 2012 में आजमगढ़ की 10 विधानसभाओं में से सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी।
  • जबकि 1 सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में आई थी।
  • वहीँ अन्य दलों को यहाँ मुंह की खानी पड़ी थी।

2017 में आजमगढ़ पर एक नजर:

  • विधानसभाएँ: अतरौलिया, आजमगढ़, दीदारगंज, गोपालपुर, लालगंज, मेंहनगर, मुबारकपुर, निजामाबाद, फूलपुर पवई, सगरी।
  • मतदाता संख्या: 3428749
  • पुरुष मतदाता: 1884821
  • महिला मतदाता: 1543820
  • अन्य: 108
  • मतदान केंद्र: 2298
  • मतदेय स्थल: 3461
  • विधानसभा क्षेत्रों को 21 जोन और 232 सेक्टरों में बांटा गया है

आजमगढ़ में दबाव सभी पर:

  • पूर्वांचल के जिले आजमगढ़ में मतदान को लेकर सभी दल दबाव में हैं।
  • जिसमें से सबसे ज्यादा दबाव में समाजवादी पार्टी है, जिस पर अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने का दबाव है।
  • गौरतलब है कि, 2012 में सपा ने आजमगढ़ की 10 सीटों में से 9 सीटों पर कब्ज़ा किया था।
  • वहीँ बची हुई 1 सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में आई थी।
  • आजमगढ़ में चुनाव को लेकर सभी दलों में दबाव की स्थिति है।
  • हालाँकि, गठबंधन के बाद कांग्रेस की परेशानी कम हुई होगी, जिन्हें पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी।
  • भाजपा का भी पिछले चुनाव में खाता नहीं खुल पाया था, जो उसके लिए दबाव का विषय हो सकता है।

मुलायम सिंह के बिना अखिलेश की राह काँटों भरी:

  • आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की राह 2017 में आसान नहीं होने वाली है।
  • जिसके पीछे की प्रमुख वजह मुलायम सिंह यादव की अखिलेश से नाराजगी है।
  • गौरतलब है कि, मुलायम सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाये जाने के बाद अखिलेश यादव ने नाराज हैं।
  • ज्ञात हो कि, सपा के प्रचार के नाम पर मुलायम सिंह ने सिर्फ शिवपाल सिंह यादव और अपर्णा यादव के लिए प्रचार किया है।
  • ज्ञात हो कि, मुलायम सिंह यादव मौजूदा समय में आजमगढ़ से लोकसभा सांसद भी हैं।

आजमगढ़ में विकास का हाल:

  • छठे चरण में आने वाले आजमगढ़ जिले में विकास का हाल पूरे उत्तर प्रदेश जैसा है।
  • सिर्फ सरकारी कागजों पर जिनका जमीनी हकीकत से कोई भी लेना-देना नहीं होता है।
  • हालाँकि, ऐसा नहीं है कि, आजमगढ़ के लिए कोई विकास योजना नहीं बनायी गयी।
  • लेकिन उन योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए कोई काम नहीं किया गया है।
  • आजमगढ़ में,
  • चीनी मिलें,
  • मेडिकल कॉलेज,
  • एग्रीकल्चर कॉलेज,
  • फोर लेन सड़कें,
  • पुल,
  • लखनऊ बलिया एक्सप्रेस-वे आदि प्रस्तावित हैं।
  • लेकिन अभी तक इन प्रस्तावित योजनाओं की सिर्फ रूपरेखा ही तैयार की जा सकी है।

जिले की मुख्य समस्याएं:

  • आजमगढ़ में विकास का हाल कुछ ख़ास अच्छा नहीं है।
  • साथ ही कोई भी सरकार या दल क्षेत्र की मुख्य समस्याओं को भी आजतक नहीं दूर कर पाए हैं।
  • विडंबना यह है कि, जिन्हें मुख्य समस्याएं हैं, वो आधारभूत जरुरत है।
  • जिसे पूरा करने में राजनैतिक दल पीछे रहे हैं।
  • आजमगढ़ की मुख्य समस्याएँ है यहाँ उद्योगों का न के बराबर होना।
  • क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं की अच्छी-खासी तादाद है।
  • वहीँ जिले के मुबारकपुर के साड़ी उद्योग पर मंदी की मार पड़ चुकी है, जिसके बाद सिर्फ इन उद्योगों की साँसे भर ही चल रही हैं।
  • बिजली का हाल भी क्षेत्र में बहुत बुरा है, बुनकरों का पर्याप्त बिजली उपलब्ध न होने के कारण दिक्कतों में गुजारा होता है।
  • वहीँ जिले की कई विधानसभाएँ बीते साल बाढ़ के चलते काफी प्रभावित हुईं थीं, जिनमें सगड़ी और गोपालपुर प्रमुख हैं।
  • इसके साथ ही क्षेत्र की तमसा नदी भी लगातार उपेक्षा का विषय बनी हुई है।
  • तमसा नदी का ऐतिहासिक महत्व तो है ही साथ ही पौराणिक कथाओं में भी इसका जिक्र मिलता है।
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