देश भर में होती आपराधिक गतिविधियों का डाटा रखने वाली संस्था नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने दलित समुदाय पर हमले की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है।

उत्तर प्रदेश यहाँ भी पहले नंबर पर:

  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, दलितों पर हमले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है।
  • एनसीआरबी की ओर से जारी सूची में उत्तर प्रदेश ने बिहार और राजस्थान को पछाड़ कर पहला स्थान प्राप्त किया है।
  • सूची में राजस्थान दूसरे और बिहार तीसरे स्थान पर है।

आंकड़ों पर नजर डाले तो गुजरात बहुत पीछे:

  • एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डाले तो गुजरात बहुत पीछे नजर आता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 में उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न के 8358 मामले दर्ज हुए।
  • जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा 6996, और बिहार में 6438 है।
  • वहीँ दिल्ली में 54 मामले और गुजरात में 1046 मामले दर्ज किये गए हैं।
  • सूची के मुताबिक, पांच राज्यों में एससी-एसटी एक्ट के सर्वाधिक 67.3 फ़ीसदी मामले दर्ज किये गए हैं।
  • ये पांच राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश हैं।
  • उत्तर प्रदेश में पिछले एक सालों में 20.2 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी और बिहार में सबसे ज्यादा 38.9 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है।

बसपा सुप्रीमो को झटका:

  • एनसीआरबी की इस रिपोर्ट से बसपा सुप्रीमो मायावती को तगड़ा झटका लग सकता है।
  • गौरतलब बात ये है कि, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से मायावती ने भाजपा पर दलित विरोधी पार्टी होने का आरोप कई बार लगाया है।
  • साथ ही हैदराबाद और गुजरात के ऊना मामले पर उन्होंने कहा था कि, भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर उत्पीड़न बढ़ा है।
  • जबकि सच्चाई इसके ठीक विपरीत है, उन राज्यों में ही दलित उत्पीड़न के मुद्दे बढ़े हैं, जहाँ खुद को दलितों का हितैषी बताने वाली सरकारें हैं।
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