अपनी आकर्षक कालीनों के लिए पुरे विश्व में मशहूर भदोही उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से एक है| गंगा तट से 21 किलोमीटर उत्तर में बसा भदोही हस्तकला के क्षेत्र में एक अलग ही मुकाम रखता है| अपनी गांठों के कारण दुनियाभर में मशहूर पर्शियन कारपेट सबसे ओएहले भदोही में ही बनाई गई थी| 1960 के आसपास कांतिलाल नाम के बुनकर ने पर्शियन कारपेट बनाना शुरू किया था| मिर्ज़ापुर-भदोही के इलाके में करीब 32 लाख लोग बुनाई के काम से जुड़े हुए है| 2010 में यहाँ करीब 2500 करोड़ का टर्नओवर हुआ था| आज भदोही को लोग कारपेट सिटी के रूप में भी जानते है| कालीन के अलावा भदोही अपनी टोकरी और बनारसी साड़ियों की वजह से भी जाना जाता है| साल 2010 में इस क्षेत्र को भौगौलिक उपदर्शन यानि जियोग्रोफिकल टैग दिया गया था जो इस क्षेत्र को विशिष्ट पहचान देता है|

मुग़लकाल में भदोही सुरियावां के राजा कुल्हिया के राज्य में आता था, इसके अवशेष आज भी बावन बिगहिया(जल तारा) के पास मौजूद है|

भदोही संत रविदास नगर के नाम से भी जाना जाता है| 10,56 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र यूपी के सबसे छोटे जिलों में से एक है| जिले का प्रशासनिक मुख्यालय ज्ञानपुर शहर है| यह क्षेत्र उत्तर में जौनपुर, पूर्व में वाराणसी, दक्षिण में मिर्ज़ापुर और पश्चिम में इलाहाबाद से घिरा हुआ है| रामपुर घाट, सीता समाहित स्थल(सीतामढ़ी), ज्ञानपुर के हरिहर नाथ और बाबा दूधनाथ के कारण भदोही हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है|

जिले में तीन तहसीलें(औराई, ज्ञानपुर, भदोही) और 6 ब्लॉक है| 2011 की जनगणना के मुताबिक़ भदोही की आबादी 15,78,213 लाख है जिनमे पुरुषों की संख्या 8,07,099 लाख और महिलाओं की संख्या 7,71,114 लाख है| यहाँ 22.3% लोग अनुसूचित जाति और 0.12% लोग अनुसूचित जनजाति से आते है| यूपी के लिंगानुपात 912 के मुकाबले यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 955 महिलायें है| संत रविदास नगर (भदोही) की औसत साक्षरता दर 57.67% है जिनमे पुरुषों की साक्षरता दर 67.75% और महिलाओं की साक्षरता दर 47.12% है| भदोही मुख्य रूप से हिन्दू बहुल इलाका है यहाँ 86.7% लोग हिन्दू जबकि 12.92% लोग मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखते है|

भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश  की 80 लोकसभा सीटों में 78वें नंबर की सीट है| इस संसदीय सीट में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती है-

प्रतापपुर, ज्ञानपुर, हंडिया, औराई, भदोही

इनमे से औराई की विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है|

वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के वीरेन्द्र सिंह सांसद है.

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यह लोकसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्त्व में आई| अस्तित्त्व में आने के बाद से यह सामान्य श्रेणी में आती है| यहाँ पहली बार 2009 में चुनाव हुए जिसमे बहुजन समाज पार्टी के गोरखनाथ पाण्डेय जीतकर यहाँ के पहले सांसद बने| वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के वीरेन्द्र सिंह सांसद है| तीसरी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए वीरेन्द्र सिंह सोलहवीं लोकसभा में कृषि सम्बन्धी मामलों की स्थाई समिति के सदस्य है|जहाँ एक ओर सदन में प्रश्न पूछने का राष्ट्रीय औसत 251 और राज्य का औसत 167 है वहीँ स्थानीय सांसद ने अबतक के अपने चार साल के कार्यकाल में मात्र 9 प्रश्न ही पूछे है|

लोकसभा वर्ष पार्टी नाम
पंद्रहवीं 2009 बहुजन समाज पार्टी गोरखनाथ पाण्डेय
सोलहवीं 2014 भारतीय जनता पार्टी वीरेन्द्र सिंह
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