बिजनौर लोकसभा क्षेत्र  उत्तर प्रदेश का चौथा निर्वाचन क्षेत्र है. इस क्षेत्र की और प्रगति के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम्मिलित करने की मांग की जा रही है. बिजनौर को उत्तराखंड में भी मिलाने की मांग जारी है क्यूंकि यह उत्तराखंड के बहुत ही करीब है.

बिजनौर का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है. वैदिक काल में बिजनौर का सम्बन्ध महाभारत से है. यहाँ विदुर कुटी स्थापित  है जहाँ दुर्योधन से हुए विवाद के बाद विदुर ने अपना पूरा जीवन बिताया था. और जहाँ स्वयं श्री कृष्ण महाभारत के युद्ध से पहले उनसे मिलने आये थे.

अकबर के शासन काल में बिजनौर मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा था. 1772 में अवध के नवाब ने रोहिल्ला पठान के साथ मराठों को भगाने के लिए एक संधि की थी. और रोहिल्ला के संधि तोड़ने के पश्चात नवाब ने ईस्ट इंडिया कंपनी से मिल के रोहिल्ला के खिलाफ जंग छेड़ दी. जिसका नतीजा यह हुआ की रोहिल्लाओं को गंगा पार भागना पड़ा. उसके बाद बिजनौर नवाब की जागीर हो गयी जो उन्होंने 1774 में ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दी.

4,049 किलोमीटर वर्ग में बसे इस शहर की कुल आबादी 2,454,000 है. चुनाव समिति की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार वहां मतदाताओं की संख्या 1,287,070 है जिसमें 704,063 पुरुष मतदाता और 583,007 महिला मतदाता हैं. बिजनौर में लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पे 913 महिलाएं हैं. बिजनौर की साक्षरता दर 68.48% है. इस शहर का जनसँख्या घनत्व 910 प्रति वर्ग किलोमीटर है. बिजनौर का क्षेत्रफल गंगा और रामगंगा की अनियमितता के कारण समय के साथ घटता बढ़ता रहता है.

बिजनौर के तत्कालीन सांसद भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंदु सिंह हैं.

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बिजनौर के तत्कालीन सांसद भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंदु सिंह हैं. [/penci_blockquote]

बिजनौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं;

पुरकाजी

मीरपुर

बिजनौर

चांदपुर

हस्तिनापुर

बिजनौर में पहली बार लोकसभा चुनाव 1952 में हुए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वामी रामानंद शास्त्री यहाँ के पहले सांसद बने. और इसके बाद लगातार 5 बार यहाँ कांग्रेस ही जीती. 1957 में अब्दुल लतीफ़, 1962 से 1977 तक स्वामी रामानंद शास्त्री यहाँ सांसद पे पद पर रहे.

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1977 में कांग्रेस के हाथ से बिजनौर की सत्ता फिसली और जनता पार्टी के हाथ आ गयी. 1980 में अस्तित्व में आते ही भारतीय जनता पार्टी ने बिजनौर में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और मंगल राम प्रेमी को बिजनौर का सांसद बनाया.

अगले चुनाव में फर कांग्रेस भाजपा पे भरी पड़ी और 1984 में वापस बिज्नुअर को अपने हाथ में ले लिया. उस समय चौधरी गिरधारी लाल बिजनौर के सांसद के पद पे बैठे.

1985 में हुए उप चुनाव में 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में दूसरी नामांकित व्यक्ति मीरा कुमार, कांग्रेस के टिकट पे बिजनौर की सांसद बनी. मीरा कुमार मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान जल संसाधन और सामाजिक न्याय व शशक्तिकरण मंत्री भी रहीं.

1989 में जब बहुजन समाज पार्टी बिजनौर में आई तब मायावती यहाँ की सांसद बनी. मायावती 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रही. अभी वो बहुँजं समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

इसके बाद भाजपा 2 बार क्रमशः 1991 और 1996 में जीती और मंगल राम प्रेमी फिर से यहाँ के सांसद बने.

1998 में समाजवादी पार्टी ने बिजनौर में कदम रक्खा और ओमवती देवी को यहाँ का सांसद बनाया.

1999 में भाजपा ने फिर यहाँ कमान संभाली और शीश राम सिंह देवी को सांसद के पद पे बैठाया.

इसके बाद लगातार 2 बार राष्ट्रीय लोक दल बिजनौर में रही और 2004 में मुंशीराम को और 2009 में संजय सिंह चौहान को सांसद बनाया.

बिजनौर के तत्कालीन सांसद भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंदु सिंह हैं. भारतेंदु सिंह शाही खानदान से हैं और मुज़फ्फरनगर दंगो के एक अभियुक्त के तौर पे ये काफी विवाद में भी रहे हैं.

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वर्ष सांसद पार्टी
1952 स्वामी रामानंद शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957 अब्दुल लतीफ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962 स्वामी रामानंद शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 स्वामी रामानंद शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971 स्वामी रामानंद शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977 माहि लाल जनता पार्टी
1980 मंगल राम प्रेमी भारतीय जनता पार्टी
1984 चौधरी गिरधारी लाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1985 मीरा कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989 मायावती बहुजन समाज पार्टी
1991 मंगल राम प्रेमी भारतीय जनता पार्टी
1996 मगल राम प्रेमी भारतीय जनता पार्टी
1998 ओमवती देवी समाजवादी पार्टी
1999 शीश राम सिंह देवी भारतीय जनता पार्टी
2004 मुंशीराम राष्ट्रीय लोक दल
2009 संजय सिंह चौहान राष्ट्रीय लोक दल
2014 कुवर भारतेंदु सिंह भारतीय जनता पार्टी
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