अपने शाक्य खंडहरों के लिए प्रसिद्ध, भगवान बुद्ध का नाम लिये नेपाल के रुपन्देही और कपिलवस्तु जिले के पास बसा है उत्तर प्रदेश का जिला ‘सिद्धार्थ नगर’| सिद्धार्थ नगर कालानमक चावल चावल के लिए विश्व प्रसिद्ध है| ऐसा कहा जाता है की इस चावल की खुशबू भगवान बुद्ध का उपहार है| आयरन और जिंक से भरपूर इन चावलों का ज़िक्र संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि सम्बन्धी संस्था ने अपनी किताब ‘स्पेसिअलिटी राइस ऑफ वर्ल्ड’ में भीम किया है| पूर्वाचल में पड़ने वाला यह जिला पूर्व में यूपी के महाराजगंज, दक्षिण में बस्ती और संत कबीर नगर और पश्चिम में बलरामपुर से घिरा हुआ है|जिले का प्रशासनिक मुख्यालय सिद्धार्थनगर में है जो नौगढ़ तहसील में आता है| ऐतिहासिक शाक्य खंडहर पिपरहवा में है जो नौगढ़ से 18 किलोमीटर की दुरी पर है|

भारत सरकार ने 2001 में इस जिले को सबसे ज्यादा घनी मुस्लिम आबादी वाले जिलों में से एक बताया था जहाँ मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी थी| 2,895 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जिले को 2006 में देश के सबसे पिछड़े जिलो में शामिल किया था|

2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की आबादी 25,59,297 लाख है जिनमे पुरुषों की संख्या 12,95,095 और महिलाओं की संख्या 12,64,202 है| यूपी के औसत लिंगानुपात 912 के मुताबिक़ यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 976 महिलाएं है| सिद्धार्थ नगर की तहसील इटवा में लिंगानुपात 1013 है| यहाँ की शिक्षण संस्थानों में सिद्धार्थ विश्वविद्धायल मुख्य है| जिले की औसत साक्षरता दर 48.02% है जिसमे पुरुषों की साक्षरता दर 57.19% और महिलाओं की साक्षरता दर 38.62% है| सिद्धार्थ नगर की 93.72% आब्दी शहरों में जबकि 6.29% आबादी गाँवों में रहती है| यहाँ की आबादी में 15.97% हिस्सा अनुसूचित जाति और 0.47% अनुसूचित जनजाति का है| सिद्धार्ट नगर में हिन्दुओं की आबादी 69.23% और मुस्लिमों की जनसंख्या 29.23% है|

सिद्धार्थ नगर में चार तहसीलें है- नौगढ़, बंसी, डुमरियागंज, इटवा, शोहरातगढ़|

डुमरियागंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 60वें नंबर की सीट है|अस्तित्त्व में आने के बाद से ही यह लोकसभा सीट सामान्य श्रेणी की रही है| डुमरियागंज लोकसभा सीट में यूपी विधानसभा की पांच विधानसभा सीटें आती है-

शोहरातगढ़, इटवा, कपिलवस्तु, डुमरियागंज, बंसी| कपिलवस्तु की विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है|

चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ 1,499,679 मतदाता है जिनमे 813,533 मतदाता पुरुष और बाकी के 686,146 महिला मतदाता है|

वर्तमान में यहाँ से भाजपा के जगदम्बिका पाल सांसद हैं.

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1952 में यहाँ पहली बार चुनाव हुए, उस वक़्त यह सीट गोंडा-बस्ती सीट का हिस्सा थी| 1952 में हुए चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के के.डी. मालवीय ने जीत दर्ज की| 1957 में डुमरियागंज में पहले आमचुनाव हुए  कांग्रेस के राम शंकर लाल ने जीत हासिल की और यहाँ के पहले सांसद बने| 1962 के चुनावों में कांग्रेस और 1967 के चुनावों में जनसंघ ने जीत पाई| 1971 में कांग्रेस के केशव मालवीय इस सीट पर जीत हासिल करके एक बार फिर लोकसभा पहुंचे| 1977 से 1989 तक अलग-अलग पार्टी के प्रत्याशियों ने डुमरियागंज का प्रतिनिधित्त्व लोकसभा में किया| 1991 में बीजेपी और 1996 में सपा ने इस सीट पर कब्ज़ा किया| 1998 और 1999 के आमचुनाव जीतकर भाजपा की नज़र तीसरी जीत पर थी मगर 2004 में हुए चुनावों में बसपा ने उसके सपनों पर पानी फ़ेर दिया| 2009 में कांग्रेस के जगदम्बिका पाल चुनाव जीतकर डुमरियागंज के सांसद बने| 2014 में चुनाव के ठीक पहले जगदम्बिका पाल भाजपा में शामोल हो गए और भाजपा के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुँच गए| 1998 में जगदम्बिका पाल यूपी के तीन दिन के मुख्यमंत्री भी बने थे|

लोकसभा वर्ष पार्टी नाम
पहली 1952 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस केशव देव मालवीय(गोंडा/बस्ती सीट)
दूसरी 1957 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राम शंकर लाल
तीसरी 1962 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कृपा शंकर
चौथी 1967 भारतीय जनसंघ नारायण स्वरुप शर्मा
पांचवीं 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस केशव देव मालवीय
छठी 1977 भारतीय लोक दल माधव प्रसाद त्रिपाठी
सातवीं 1980 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस क़ाज़ी ज़लील अब्बासी
आठवीं 1984 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस क़ाज़ी ज़लील अब्बासी
नौवीं 1989 जनता दल बृज भूषण तिवारी
दसवीं 1991 भारतीय जनता पार्टी राम पल सिंह
ग्यारहवीं 1996 समाजवादी पार्टी बृज भूषण तिवारी
बारहवीं 1998 भारतीय जनता पार्टी रामपाल सिंह
तेरहवीं 1999 भारतीय जनता पार्टी रामपाल सिंह
चौदहवीं 2004 बहुजन समाज पार्टी मोहम्मद मुकीम
पंद्रहवीं 2009 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जगदम्बिका पाल
सोलहवीं 2014 भारतीय जनता पार्टी जगदम्बिका पाल
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