उत्तर प्रदेश का एटा लोकसभा क्षेत्र अलीगढ डिवीज़न का भाग है. कानपुर-दिल्ली राजमार्ग का मध्य बिंदु एटा में पड़ता है. इसे 1857 के विद्रोहों का केंद्र होने की वजह से जाना जाता है. प्राचीन समय में इससे ऐंठा कहते थे, जिसका मतलब होता है, उग्रता के साथ जवाब देना. इसे इस नाम से इसलिए बुलाते थे क्यूंकि यहाँ यादव समुदाय के लोग रहते थे जो अपनी उग्रता के लिए जाने जाते हैं. इस नाम के पीछे की कहानी बहुत ही मजेदार है. एक बार अवगढ़ के राजा यहाँ अपने पालतू कुत्तों के साथ शिकार करने आये. उन कुत्तों ने वहां एक लोमड़ी को देखा और भौंकते हुए उसको दौड़ाने लगे. डरी सहमी सी लोमड़ी भागते हुए इस क्षेत्र में पहुची और पहुचते ही वह बहुत ही उग्र हो कर कुत्तों पर गुर्राने लगी. राजा को लोमडी के इस बदले व्यव्हार पर बहुत आश्चर्य हुआ और उन्होने सोचा की ज़रूर इस जगह में ही कोई ख़ास बात है जो इस लोमड़ी का रंग ढंग ही बदल गया. और तब से इसका नाम ऐंठा पड़ गया जो गलत होते होते एटा हो गया.

विद्या भारती की बिताब के अनुसार इस नाम से जुडी एक अन्य कहानी है. एटा के नाम ईंटा हुआ करता था क्यूंकि यहाँ एक आदमी जब पानी की तलाश में ज़मीन खोद रहा था तब उसका पैर एक ईंट में फस गया इसकी वजह से इसका नाम ईंटा पड़ गया, जो बाद में एटा हो गया.

एटा में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा यज्ञशाला है को गुरुकुल विद्यालय में है. अवगढ के राजा के द्वारा बनवाया गया ऐतिहासिक किला भी यहाँ मौजूद है. एटा से अवगढ़ की दूरी केवल 24 किलोमीटर है. यहाँ भगवान शिव का बहुत ही प्राचीन मंदिर कैलाश मंदिर है. उर्दू के मशहूर कवि अमीर खुसरो का जन्म एटा के पटियाली में हुआ था. हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार यहाँ भगवान विष्णु का तीसरा अवतार, वराह अवतार, अवतीर्ण हुआ था.

एटा उत्तर प्रदेश के 34 सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है. और यहाँ पिछड़े इलाकों के लिए आने वाले फण्ड से ही धन आता है.

एटा जिले का कुल क्षेत्रफल 2,456 वर्ग किलोमीटर है. यहाँ की जनसँख्या, 2011 की जनगणना के अनुसार 131,023 है. जिसमें से 69,446 पुरुष और 61,577 महिलाएं हैं. यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 863 महिलाएं हैं. एटा की औसत साक्षरता दर 85.62% है. यहाँ पुरुष साक्षरता दर 73% और महिला साक्षरता दर 63% है. यहाँ यादव और राजपूतों की संख्या बहुत ज्यादा है.

एटा के वर्तमान सांसद हैं भाजपा नेता राजवीर सिंह. अभी वो कृषि मंत्रालय में सदस्य हैं और अन्य पिछड़ी जाति के विकास समिति के सदस्य भी हैं.

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एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं;

अमनपुर

एटा

कासगंज

मारहरा

पटियाली

1952 में एटा में पहले लोकसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के नेता रोहनलाल चतुर्वेदी जीते और एटा के पहले सांसद बने. फिर 1957 में हिन्दू महासभा के बिशंचंदर सेठ विजयी हुए और लगातार 2 बार यहाँ के सांसद बने.

चौथे लोकसभा चुनाव में रोहन लाल चतुर्वेदी दोबार कांग्रेस के टिकट पर जीते और अगले चुनाव में भी जीत हासिल की.

1977 में भारतीय लोकदल ने अपनी उपस्थिति इस क्षेत्र में दर्ज करायी और भारतीय लोक दल के नेता महादीपक सिंह शाक्य एटा के सांसद की कुर्सी पर बैठे.

9 साल बाद शाक्य 1989 में दोबारा इस पद पर बैठे बहुत सालों तक एटा के सांसद रहे. वे ४ बार लगातार इस सीट पे जीते. लेकिन इस बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े.

इन 9 सालों में एक बार कांग्रेस नेता मुशीर अहमद खान और एक बार लोक दल के नेता मोहम्मद महफूज़ अली सांसद के पद पर बैठे.

1999 में समाजवादी पार्टी के डॉ देवेन्द्र सिंह यादव जीत के एटा का प्रतिनिधित्व किया और अगली बार भी इस सीट से जीते.

2009 के लोकसभा चुनाव में जन क्रांति पार्टी के नेता कल्याण सिंह भरी मतों से विजयी हो के यहाँ के सांसद बने.

एटा के वर्तमान सांसद हैं भाजपा नेता राजवीर सिंह. अभी वो कृषि मंत्रालय में सदस्य हैं और अन्य पिछड़ी जाति के विकास समिति के सदस्य भी हैं.

लोकसभा वर्ष से वर्ष तक नाम पार्टी
पहली 1952 1957 रोहनलाल चतुर्वेदी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
दूसरी 1957 1962 बिशंचंदर सेठ हिन्दू महासभा
तीसरी 1962 1967 बिशंचंदर सेठ हिन्दू महासभा
चौथी 1967 1971 रोहनलाल चतुर्वेदी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पांचवी 1971 1977 रोहनलाल चतुर्वेदी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
छठवीं 1977 1980 महादीपक सिंह शाक्य भारतीय लोक दल
सातवीं 1980 1984 मुशीर अहमद खान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
आठवीं 1984 1989 मोहम्मद महफूज़ अली लोकदल
नौवीं 1989 1991 महादीपक सिंह शाक्य भारतीय जनता पार्टी
दसवीं 1991 1996 महादीपक सिंह शाक्य भारतीय जनता पार्टी
ग्यारहवीं 1996 1998 महादीपक सिंह शाक्य भारतीय जनता पार्टी
बारहवीं 1998 1999 महादीपक सिंह शाक्य भारतीय जनता पार्टी
तेरहवीं 1999 2004 डॉ देवेन्द्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी
चौदहवीं 2004 2009 डॉ देवेन्द्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी
पंद्रहवीं 2009 2014 कल्याण सिंह जन क्रांति पार्टी
सोलहवीं 2014 अब तक राजवीर सिंह भारतीय जनता पार्टी
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