सारायण नदी के किनारे बसा सीतापुर, सीतापुर जिले का नगर पालिका बोर्ड है. ब्रिटिश राज में सीतापुर ब्रिटिश सेना की छावनी हुआ करता था.

सीतापुर की पृष्ठभूमि पौराणिक और ऐतिहासिक दोनों है, और इसी वजह से सीतापुर प्रसिद्ध है. वैसे तो इसके नाम के पीछे के रहस्य का कोई पुख्ता सबूत नहीं है पर कहते हैं की इसका नाम भगवान राम की पत्नी सीता के नाम पर पड़ा था. भगवान राम और देवी सीता अपनी तीर्थ यात्रा के दौरान यहाँ आ कर रुके थे. इसके बाद राजा विक्रमादित्य ने इस शहर का नाम देवी सीता के नाम पर सीतापुर रख दिया.

अबुल फज़ल की आईना अकबरी के अनुसार अकबर के शासनकाल में सीतापुर का नाम चैत्यापुर या चितईपुर था. कौशल नरेश के पुत्र बिदुदभ के काल में, सीतापुर मगध के शिन्गुनाग राज्य के अन्दर आता था. नंद और मौर्या वंश के पतन बाद यह क्षेत्र शुंग वंश के अंतर्गत आ गया. सिधौली तहसील में शुंग पद्धति की कुछ मिटटी की मूर्तियाँ पाई गयी हैं. ऐसे ही बडेसर तहसील के मिश्रिक में गुप्ता वंश की छोटी मूर्तियाँ पाई गयी हैं. गोमती नदी के किनारे पर स्थित नैमिषाराणय वही स्थान है जहाँ महर्षि वेद व्यास ने पुराणों की रचना की थी.

2014 में राजेश वर्मा भजपा की टिकट ले कर चुनाव में उतरे और जीते. अभी ये ही सीतापुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

यहाँ पर वैदिक काल के बाद के विश्वविद्यालय के चिन्ह मिलते हैं जहाँ 88000 ऋषियों ने शास्त्रों की विद्या पाई थी. शौनकजी उस विश्वविद्यालय के कुलपति थे. अपने वनवास के दौरान पांडव नैमिष में आये थे. राम और सीता ने यहाँ स्नान कर के अपने रावण हत्या के कलंक को धोया था. ऐसा मानते हैं की सीता ने अपनी पवित्रता का सबूत नैमिष की ही पवन धरती पर दिया था और यहीं वो धरती में समायी थीं. 1857 में इस जिले में आर्य समाज और सेवा समिति की स्थापना हुई थी.

सीतापुर जिला 5,743 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहाँ की कुल जनसँख्या 4,483,992 है. इसमें से 2,375,264 पुरुष और 2,108,728 महिलाएं हैं. यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 888 महिलाएं हैं. सीतापुर की औसत साक्षरता दर 61.12% है. पुरुष साक्षरता दर 70,31% है और महिला साक्षरता दर 50.67% है. यहाँ मतदाताओं की कुल संख्या 1,230,078 है. इसमें से पुरुष मतदाता 662,574 और महिला मतदाता 567,504 है.

 

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]2014 में राजेश वर्मा भजपा की टिकट ले कर चुनाव में उतरे और जीते. अभी ये ही सीतापुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.[/penci_blockquote]

सीतापुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं;

बीसवां

लहरपुर

महमूदाबाद

सेवता

सीतापुर

सीतापुर संसदीय क्षेत्र में पहली बार 1952 में चुनाव हुए, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उमा नेहरु विजयी हुई और सीतापुर की पहली सांसद बनी. उमा नेहरु, जवाहरलाल नेहरु के चचेरे भाई की पत्नी थीं. उमा महिलाओं की मासिक पत्रिका स्त्री दर्पण की लेखिका भी थीं.

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उमा नेहरु सीतापुर सीट से लगातार 2 बार जीती. 1962 में राजनीतिक तख्ता पलट में भारतीय जन संघ के सूरज लाल वर्मा विजयी रहे. अगले चुनाव में भी भारतीय जन संघ ने ही यह सीट हथियाई पर इस बार शारदा नंद सीतापुर के सांसद बने. 1971 में कांग्रेस एक बार फिर सीतापुर में सत्ता में आई और कांग्रेस नेता जगदीश चन्द्र दीक्षित यहाँ के सांसद की कुर्सी पर बैठे. 1977 में यह सीट फिर कांग्रेस के हाथों से फिसली और भारतीय लोक दल के हर गोविन्द वर्मा के पास चली गयी.

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1980 में इंदिरा गाँधी की पार्टी कांग्रेस के नेता राजेंद्र कुमार बाजपई सीतापुर के सांसद की कुर्सी पर बैठे. बाजपई के काम से खुश हो कर जनता ने उन्हें लगातार 3 बार जिताया. 1991 में भाजपा के आगमन के बाद ही कांग्रेस की सत्ता इस क्षेत्र से ख़त्म हो गयी. 1991 में भाजपा नेता जनार्दन प्रसाद मिश्र यहाँ के सांसद बने.

अगले ही चुनाव में भाजपा से यह सीट छिन भी गयी. इस बार समाजवादी पार्टी के नेता मुख़्तार अनीस सीतापुर की सीट से जीते.

1998 में फिर से जनार्दन भजपा की टिकट ले कर सीतापुर संसदीय क्षेत्र में भरी मतों से विजयी हुए.

1999 में बहुजन समाज पार्टी भाजपा पर भरी पड़ गयी और इस बार बसपा के नेता राजेश वर्मा सीतापुर के सांसद की कुर्सी पर बैठे. जो लगातार 2 बार इस पार्टी में रह कर जीते.

2009 में भी बसपा ने ही या सीट हासिल की पर इस बार सांसद की कुर्सी बैठीं कैसर जहान.

2014 में राजेश वर्मा भजपा की टिकट ले कर चुनाव में उतरे और जीते. अभी ये ही सीतापुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

लोकसभा वर्ष से वर्ष तक सांसद पार्टी
पहली 1952 1957 उमा नेहरु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
दूसरी 1957 1962 उमा नेहरु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
तीसरी 1962 1967 सूरज लाल वर्मा भारतीय जन संघ
चौथी 1967 1971 शारदा नंद भारतीय जन संघ
पांचवी 1971 1977 जगदीश चन्द्र दीक्षित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
छठवीं 1977 1980 हरगोविंद वर्मा भारतीय लोक दल
सातवीं 1980 1984 राजेंद्र कुमार बाजपई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
आठवीं 1984 1989 राजेंद्र कुमार बाजपई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
नौवीं 1989 1991 राजेंद्र कुमार बाजपई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
दसवीं 1991 1996 जनार्दन प्रसाद मिश्र भारतीय जनता पार्टी
ग्यारहवीं 1996 1998 मुख़्तार अनीस समाजवादी पार्टी
बारहवीं 1998 1999 जनार्दन प्रसाद मिश्र भारतीय जनता पार्टी
तेरहवीं 1999 2004 राजेश वर्मा बहुजन समाज पार्टी
चौदहवीं 2004 2009 राजेश वर्मा बहुजन समाज पार्टी
पंद्रहवीं 2009 2914 कैसर जहान बहुजन समाज पार्टी
सोलहवीं 2014 अब तक राजेश वर्मा भारतीय जनता पार्टी
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