Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

वाराणसी: अखंड भारत का प्रतीक है 100 साल पुराना ‘भारत माता मंदिर’

100 year old Bharat Mata Mandir is symbol of undivided-India

100 year old Bharat Mata Mandir is symbol of undivided-India

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक अनोखा भारत माता मंदिर है. इस मंदिर की खास बात ये है कि इस मंदिर में भारत के विभाजन से पहले का नक्शा गुदा हुआ हैं. ये मंदिर देश के अविभाजन को दर्शाता है. ये खास मंदिर देश के सबसे अनोखे मन्दिरों में से एक हैं जो तकरीबन 100 साल पुराना है और देश की अखंडता को प्रदर्शित करता है. 

महात्मा गांधी ने किया था उद्घाटन:

इसे देखने के लिए विदेशों से सैलानी आते हैं और काशी के पारंपरिक घांटों के अलावा इस मंदिर से भी देश की खूबसूरती और इतिहास का लुफ्त उठाते हैं.

बता दें की इस मंदिर का निर्माण साल 1918 से 1924 के बीच हुआ था. मंदिर स्वतंत्रता सेनानी शिव प्रसाद गुप्ता ने बनवाया था. जिसका राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1936 में किया था.

इस मंदिर का निर्माण दुर्गा प्रसाद खत्री के मार्गदर्शन में 30 मजदूरों और 25 राजमिस्त्रीयों ने किया था. जिनके नाम मंदिर के कोने में एक फलक पर लिखे देखे जा सकते हैं.

अविभाजित भारत का नक्शा मौजूद:

मंदिर भवन के बीच में 762 मकराना संगमरमर ब्लाक से बना है. जिसमें अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यामार और श्रीलंका एक ही मानचित्र में भारत के हिस्से के तौर पर दिखते हैं. बता दें कि भारत के विभाजन से पहले ये सभी पड़ोसी देश भारत का हिस्सा थे.

इस मानचित्र की खास बात यह है कि इसमें करीब 450 पर्वत श्रृंखलाओं एवं चोटियों, मैदानों, जलाशयों, नदियों, महासागरों और पठारों समेत कई भौगोलिक ढांचों का विस्तृत नक्शा उपलब्ध है और इनकी ऊंचाई एवं गहराई उनके साथ-साथ अंकित है.

राष्ट्रीय दिवसों पर ख़ास सजावट:

इस ‘भारत माता मंदिर’ के रखरखाव का काम देखने वाले राजू सिंह ने बताया कि हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर इस नक्शे में दिखाए गए जलाशयों में पानी भरा जाता है और मैदानी इलाकों को फूलों से सजाया जाता है.

एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि ‘राष्ट्रकवि’ मैथिली शरण गुप्त ने इस मंदिर के उद्घाटन पर एक कविता लिखी थी. इस रचना को भी मंदिर में एक बोर्ड पर लिखकर लगाया गया है.  सिंह ने बताया कि अविभाजित भारत के दुर्लभ नक्शों में से एक को खुद में सहेजे इस मंदिर के अंदर तुरंत मरम्मत और पुनर्जीवन कार्य शुरू करने की जरूरत है.

5 अक्टूबर से विज्ञान महोत्सव की शुरुआत, लगेगा साइंटिस्टों का जमावड़ा

Related posts

मथुरा: खड़े ट्रैक्टर से टकराई मेक्स पिकअप,तीन की मौत एक दर्जन गम्भीर

Desk Reporter
4 years ago

संवैधानिक पद पर हूं, राजनीतिक बयानों पर टिप्पणी नहीं करूंगा- नाईक

Rupesh Rawat
8 years ago

BJP विधायक ने PM से की संशोधित SC/ST कानून को वापस लेने की मांग

Shambhavi
6 years ago
Exit mobile version