स्वास्थ्य विभाग और उसके कर्मचारी कितने अमानवीय और लापरवाह हो सकते हैं, ये देखने को मिला उन्नाव में, जहाँ 108 सरकारी एम्बुलेंस देर रात एक मृतक के शव को रास्ते में छोड़ कर चली गयी. बता दें कि सड़क हादसे में एक युवक घायल हो गया था जिसे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. जिसके बाद एम्बुलेंस चालक ने मृतक के शव को बीच रस्ते में उतार दिया. 

अस्पताल ले जाते समय हो गयी थी मौत:

सरकार योजनायें लाती है आम जनता के सदुपयोग के लिए लेकिन उनको संचालित करने वाले ही जनहित योजना और सरकार की धू-धू करवा देते हैं. यहीं कारण हैं कि आम लोगों के लिए ये सरकारी योजनायें कितनी कामगर और सहयोगी हो सकती हैं ये सिर्फ सरकारी महकमे पर निर्भर करता हैं.
ऐसा ही एक मामला स्वास्थ्य विभाग की 108 एम्बुलेंस का है जिसमे एम्बुलेंस चालक की अमानवीयता तो तो उजागर हुई ही साथ ही स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही भी सामने आई.
मामला उन्नाव जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र का हैं, जहाँ कल देर रात सड़क हादसे में एक युवक घायल हो गया. आनन-फानन में सरकारी योजना के तहत 108 एम्बुलेंस को बुलवाया गया.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही :

एम्बुलेंस आ भी गयी. घायल को अस्पताल ले ही जा रहे थे कि इसी दौरान घायक युवक की मौत हो गयी. जिसके बाद एम्बुलेंस चालक की निर्ममता और असंवेदनशीलता सामने आई जब उसने मृतक युवक के शव को बीच रास्ते में ही उतार दिया.
एम्बुलेंस का ड्राईवर शव को रस्ते में छोड़ कर वहां से चला गया. परिजन बिलखते रहे, सहायता मांगते रहे पर स्वास्थ्य विभाग का ये लापरवाह कर्मचारी बिना किसी डर और मानवताहीन व्यवहार को दर्शाता हुआ बेधड्दले से निकल गया.
बहरहाल परिजन शव को बीच रास्ते पर रख घंटों मदद की गुहार लगाते रहे. जिसके बाद कई घंटे बीत जाने पर एक निजी वाहन से शव को घर लेकर पहुंचे.

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