लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के मकसद से सरकार द्धारा चलायी जा रही 108 एंबुलेंस सेवा का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि एंबुलेंस को फोन करने के बाद भी मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए यह उपलब्ध नहीं रहती है। ऐसे में कई बार गंभीर मरीजों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। या फिर उन्हें पैसा खर्च कर निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया जाता है। ऐसे में यह सुविधा मरीजों को कोई लाभ नहीं पहुंचा पा रही है।ताज़ा मामला तकरोही का है।
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निजी वाहन से मरीज को पहुँचाया ट्रामा
- राजधानी में भारी बारिश से सिर्फ जलभराव की समस्या नहीं उत्पन्न हो रही बल्कि यह लोगों के जान की आफत भी बन रही है।
- खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बेहद कठिन है।जहाँ किसी के साथ हादसा होने पर भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुँच रही है।
- एक घटना मंगलवार की देर शाम तकरोही क्षेत्र के हरदासी खेड़ा गांव में हुई।
- यहां बरसात के कारण एक मिट्टी की दीवार ढह जाने से दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं।
- इस दुर्घटना में पप्पू नाम का एक युवक भी काफी चोटिल हो गया।
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- घायल महिलाओं में सुमन तिवारी और शर्मा देवी शामिल थी जिसमें सुमन की हालत गंभीर थी।
- उसे परिजन पहले पास के निजी अस्पताल ले गए जहाँ के डॉक्टरों ने इलाज में असमर्थता जताई।
- इसके बाद परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन किया लेकिन, एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची।
- वीरेंद्र रावत का आरोप है कि एंबुलेंस सुविधा तत्काल देने में 108 नंबर ने असमर्थता दिखाई।
- जिसके बाद मजबूरी में वो एक निजी वाहन से महिला को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर ले गये।
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