उत्तर प्रदेश में अवैध शराब (poisonous liquor) बनाने और उसकी बिक्री पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकार कोई भी हो पुलिस व आबकारी विभाग की नाक के नीचे अवैध शराब का धंधा बदस्तूर जारी रहता है। ताजा मामला राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिला का है यहां जहरीली शराब पीने से 24 घंटे के भीतर 12 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा 8 मौतें देवा कोतवाली क्षेत्र में तो दो मौतें रामनगर थाना क्षेत्र में हुईं। एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। वहीं दो अभी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछली सरकारों की तरह इस सरकार में भी निचले स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित करके खानापूर्ति कर दी जायेगी। बड़ों पर कार्रवाई होने की उम्मीद बहुत कम दिखाई दे रही है। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बाराबंकी के जिला आबकारी अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है। मौतों के बाद आबकारी विभाग के अफसर जागे और अपनी गर्दन बचाने के लिए टीमें गांवों में भेजी जो दिनभर खाक छानती रही। रात में सात शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाए गए।

ठंड से मौतें बताने का बना रहे दबाव

स्थानीय लोगों के अनुसार, आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मृतकों के परिवारीजनों पर दबाव बनाया कि वे मौतों को ठंड से होने की बात कहें तभी उनको मुआवजा मिलेगा। इसके बाद तीन मृतकों के परिवारीजनों ने कहा कि इनकी मौत ठंड लगने से हुई है। इनके घरवालों ने शराब पीने की बात से इनकार किया। आबकारी मंत्री के निर्देश के बाद लखनऊ से एक टीम बाराबंकी भेजी गई है। बाराबंकी के जिला प्रशासन के साथ मिलकर टीम जांच कर रही है। अगर यह पुष्टि हो जाती है कि जहरीली शराब से ही मौतें हुई हैं तो जिम्मेदार अफसरों और जहरीली शराब बेचने वाले लोगों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। शराब से मौत पर सख्त कानून बनाए गए हैं, उन्हीं धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

बाराबंकी के जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने कहा है कि एडीएम व पुलिस अफसरों की देखरेख में शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। जिस तरह एक के बाद एक मौतें हुई है उससे पहला काम मौत का कारण पता करना है उसके बाद जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं जिला अस्पताल के ईएमओ डॉ. एसके सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों में सिर्फ एक उमेश होश में था जिसने बताया कि स्प्रिट पी है। बाकी अन्य मरीज बेहोशी की हालत में आए थे। आंखों की रोशनी कम होना व अन्य लक्षणों से लग रहा था कि लोगों ने अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल (poisonous liquor) लिया है।

पिछले कुछ वर्षों में शराब से मौतों की बड़ी घटनाएं

वर्ष 2016- एटा में 24 लोगों की मौत।
वर्ष 2015- लखनऊ व उन्नाव में 42 से अधिक की मौत।
वर्ष 2013- आजमगढ़ के मुबारकपुर में 47 लोगों की मौत।
वर्ष 2011- वाराणसी में 12 लोगों की मौत।

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