अगर जिला कारागार कौशाम्बी की तरह यूपी का हर जेलर काम करे तो वाकई जेलों की सूरत बदल जायेगी। ये हम नहीं बल्कि यहां निरुद्ध कैदियों की जी जुबानी है। बता दें कि जिला कारागार के जेलर ने पिछले वर्ष 100 कैदियों को गर्म कपड़े वितरित किये थे। इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों की मदद से जेल परिसर में ही महिला कैदियों के बच्चों के लिए टीकाकरण शिविर का आयोजन कर महिलाओं के बच्चों को टीका लगवाए। अब जेल में ही कौशल विकास प्रशिक्षण, खेलकूद सहित कई कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। इसी क्रम में यातायात माह को पर्व की तरह मानते हुए कौशांबी जेल के जेलर ने पिछले दिनों बंदियों से मिलने आने वाले लोगों को 40 हेलमेट बांटे थे। अब जेल प्रशासन जेल की प्रत्येक बैरक में बंदियों के मनोरंजन के लये एलईडी टीवी लगवा रहा है। जेल प्रशासन की इस पहल से बंदियों में काफी उत्साह है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बंदियों में टीवी लगने से खुशी की लहर [/penci_blockquote]
कौशांबी जेल अधिक्षक बी.एस. मुकुंद ने बताया कि जिला कारगर आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है। सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी कारागारों के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त बजट दिया गया है। इसी क्रम में वह निरंतर जेल की सूरत बदलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बैरक में 109 सें.मी. का एल.ई.डी टेलिविजन लगाया जा रहा है। कारागार मुख्यालय से 15 नग टी.वी. कौशाम्बी जेल पर बुधवार को प्राप्त हो गए हैं। आज से ही में टी.वी. लगाने का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। जिसके लिए सैमसंग कम्पनी से दो मैकेनिक टी.वी.लगाने के कार्य में लगे है। कारागार में आग बुझाने के संयन्त्रों की स्थापना का कार्य भी आरम्भ हो गया है। 15 नग अग्निशमन यंत्र स्थापित किए जा चुके हैं तथा 10 नग अग्निशमन यंत्र सीज फ़ायर कम्पनी के और प्राप्त हो गए हैं। जिनकी स्थापना भी टेकनीशियन द्वारा की जा रही है। जेल अधिक्षक के उक्त कार्य से बंदियों में काफ़ी प्रसन्नता देखी जा रही है। बता दें कि कौशांबी जिला कारागार में वर्तमान समय में 15 बैरकों में करीब 684 बंदी निरुद्ध हैं। जिन्हें टीवी देखने का मौका मिलेगा। इन बंदियों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जेल गए मुलाकातियों को बांट चुके हेलमेटमिली सौगात[/penci_blockquote]
कौशाम्बी जिला कारागार के जेलर भीम सेन ने बताया कि कैदियों से मिलने ज़िला जेल पहुँचे उनके संबंधियों को अंदाज़ा भी नहीं रहा होगा कि उनको जेल मे सौग़ात मिलने वाली है। ये सौग़ात क़रीब चालीस लोगों को हेल्मेट के रूप मे मिली थी। साथ ही दूसरी सौग़ात के रूप मे यातायात नियमों की बारीकियाँ भी मौक़े पर पुलिस विभाग द्वारा दी गई थी। सड़क पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए कौशाम्बी पुलिस ने विशेष प्रतिबद्धता दिखाई। पुलिस द्वारा लोगों को यातायात की जानकारी देकर दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास जारी है। हालाँकि जेलर बी एस मुकुंद जेल मे अभूतपूर्व सुधार के लिए जनपद मे जाने जा रहे हैं। लेकिन जेल के बाहर के प्रशासन मे उनके इस भागीदारी से निश्चित ही यातायात सुधार कार्यक्रम को बल मिलेगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य[/penci_blockquote]
दो पहिया वाहन से दुर्घटना मे हुई मौतों मे ज़्यादातर लोगों के सिर पर चोट पाई जाती है। हेल्मेट का उपयोग करके इससे बचा जा सकता है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने जेलर के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि इससे हम सड़क दुर्घटना को कम करके लोगों की जान बचा सकते हैं। जेलर बी एस मुकुंद ने बताया कि जेल मे क़ैदियों से मिलने दो पहिया वाहन से आने वाले लोगों के लिए हेल्मेट अनिवार्य होगा। बिना हेल्मेट बाइक से आने पर लोग जेल मे बंद किसी भी परिजन या संबंधी से नहीं मिल पाएँगे।

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