जब कोई छात्र स्कूल से निकल कर कॉलेज में प्रवेश करता है तो उसके माता-पिता का यह सपना होता है कि एक दिन वह उनका नाम रौशन करेगा. सभी माता-पिता अपने बच्चों के सफल भविष्य की कामना करते हैं साथ ही दिन रात मेहनत कर उनके सपने पूरे करने का हर संभव प्रयास करते हैं. परंतु क्या हो जब कोई बच्चा अपने माता-पिता के सपने भूलकर एक ऐसी राह पर निकल पड़े जहाँ से वापस आ पाना मुश्किल हो ?

ऐसा ही एक वाकया सन 1993 में देखने को मिला था. जहाँ कुछ छात्रों द्वारा कुछ ऐसे कृत्यों को अंजाम दिया गया था. जिसके कारण दहशत का माहौल बन गया था और लोग सोच में पड़ गए थे कि क्या छात्र भी इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे सकते हैं.

नयी दिल्ली से उड़ान भरने के बाद लखनऊ कराया गया था लैंड :

  • देश की एक निजी फ्लाइट को सन 1993 में हाईजैक कर लिया गया था.
  • बता दें कि इस फ्लाइट को हाईजैक करने वाले कोई परिपक्व आतंकी नहीं थे.
  • बल्कि कॉलेज में पढ़ने वाले चार छात्र थे जो अपनी यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षाओं की तारीख आगे बढ़वाना चाहते थे.
  • इस वाकया को आँखों से देखने वालों की माने तो इस छात्रों के पास हथियार भी मौजूद थे.
  • जिसके बल-बूते पर वे इस फ्लाइट में मौजूद यात्रियों को डरा-धमका रहे थे.
  • बता दें कि उस साल यह दो हफ़्तों में होने वाला दूसरा हाईजैक था, साथ ही साल में तीसरा.

51 यात्री इस दौरान हुए घायल :

  • इस हाईजैक के दौरान सभी यात्री घबरा गये थे साथ ही कोशिश कर रहे थे कि किसी तरह इस स्थिति से बाहर निकला जाए.
  • कुछ यात्रियों द्वारा इन छात्रों को सबक सिखाने हेतु हाथापाई भी की गयी थी.
  • परंतु हथियार होने के चलते इन यात्रियों में से 51 लोगों को चोटें आई थीं.
  • इस फ्लाइट में जो स्टाफ मौजूद था वह केवल छह लोगों का था.
  • यही नहीं इस फ्लाइट को राजधानी दिल्ली से उड़ान भरने के बाद लखनऊ लैंड कराने पर मजबूर कर दिया गया था.
  • जिसके बाद इन छात्रों द्वारा दो मांगे रखी गयी थी जिनमे पहली थी कि उनकी परीक्षा को आगे बढ़ा दिया जाए.
  • ऐसा इसलिए क्योकि लखनऊ विश्वविद्यालय एक लंबे समय तक दिसंबर 1992 में हुए दंगों के चलते बंद रखा गया था.
  • इस बंद के कारण इन छात्रों समेत सभी की पढ़ाई का खासा नुकसान हुआ था.
  • जिसके बाद विश्वविधालय द्वारा तुरंत परीक्षा रख दी गयी थी जिसके लिए छात्र तैयार नहीं थे.
  • इसके अलावा जो दूसरी शर्त सरकार से रखी गयी थी उसमे करीब 50 मिलियन रूपये की मांग की गयी थी.
  • बता दें कि यह मांग छात्रों द्वारा उनके विश्वविद्यालय में एक नया परास्नातक कोर्स खोलने के लिए की गयी थी.
  • आपको बता दें कि इ९न छात्रों द्वारा प्लेन हाईजैक किये जाने के समय कहा गया था कि उनके पास विस्फोटक व अन्य हथियार मौजूद हैं.
  • परंतु कुछ यात्रियों की सूझ-बूझ और दो पुलिस वालों की तत्परता के चलते इन छात्रों को धर-दबोच लिया गया था.
  • जांच किये जाने के बाद सामने आया था कि इन छात्रों के पास ना तो विस्फोटक थे ना ही हथियार थे.
  • जिसके बाद इन छात्रों को पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
  • आपको बता दें कि उस दौरान उत्तर प्रदेश में सत्यनारायण रेड्डी राज्यपाल थे.
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