देश भर के बैंक कर्मियों ने वेतन में सिर्फ दो फीसदी की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को ठुकरा कर दो दिन के लिए हड़ताल पर चले गये। जिससे कानपुर भी अछूता नहीं रहा और यहां के लगभग 15 हजार बैंक कर्मियों ने बैंक में ताला जड़कर सड़क पर उतर आये।

बैंक कर्मियों का सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम:

बैंक कर्मियों की हड़ताल से शहरवासियों का करोड़ों का चेक क्लियरेंस फंस गया और नकदी की भी समस्या हो गयी। इसके साथ ही पहले ही दिन एटीएम दगा देने लगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीए) सहित अन्य बैंक संगठनों के बैनर तले देशभर में बुधवार और गुरूवार को बैंक कर्मचारी अपनी मांगों के लेकर हड़ताल पर हैं।

जिसके चलते कानपुर में भी बैंक कर्मियों ने सारा कामकाज ठप कर दिया है और बैंकों के दरवाजों पर ताले लटका दिए हैं। बैंक कर्मियों ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चित कालीन हड़ताल होगी।

देशभर में करीब 10 लाख बैंक अधिकारी हड़ताल पर हैं। जिसमें कानपुर नगर जनपद में भी 15 हजार बैंक कर्मचारी शामिल हैं। बैंक कर्मियों की हड़ताल पर लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

महीने की आखिरी तारीख होने की वजह से भी बैंक कर्मियों द्वारा हड़ताल पर जाने से बैंक में किए जाने वाले काम भी प्रभावित हो रहें हैं। इन्हीं तारीखों पर कर्मचारियों का वेतन बैंक द्वारा डाला जाता है।

बैंककर्मियों ने निकाला जुलूस:

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) के बैनर तले बैंक कर्मियों ने बड़ा चौराहा स्थित इलाहाबाद बैंक से बिरहाना रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक तक विशाल जुलूस निकाला। साथ ही राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने आह्वान किया।

यूएफबीयू के नगर संयोजक सुधीर सोनकर ने बताया कि हम लोग अपनी वेतन सहित कई मागों को लेकर भारतीय बैंक संघ को कई बार पत्र लिखा, लेकिन आश्वासन के सिवाय अभी तक कुछ नहीं मिला और हर बार दो फीसदी ही वेतन बढ़ोत्तरी की बात की जा रही है।

इसी के चलते अब बैंक कर्मी हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है। कहा कि 14-15 प्रतिशत वेतन वृद्धि से नीचे कर्मचारी तैयार नहीं है। इसके साथ ही अन्य सुविधायें सरकारी कर्मचारियों जैसी मिलनी चाहिये। जबकि बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि एक नवंबर 2017 से लंबित है।

बैंक ने दावा किया कि आज 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के कुछ पुराने बैंकों और कुछ विदेशी बैंकों के करीब दस लाख अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

अनुमान के मुताबिक कानपुर में 22 सौ करोड़ से ज्यादा की बैंकिंग ठप हो गई है। हालांकि ग्राहकों को कोई समस्या न हो इसलिये प्रयास किया जा रहा है कि एटीएम में रूपया डालने वाली एजेंसियां बराबर काम करती रहें। लेकिन हकीकत यह है कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल पर शहर के ज्यादातर एटीएम दगा दे गये हैं।

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