चुनाव भारत में त्योहारों की तरह है और जब चुनाव भारत के सबसे जन्संख्यित राज्य उत्तर प्रदेश में हो तो उसके मायने ही अलग हैं.आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर साल चुनाव होते हैं और आकड़ों में बदलाव आता है.इस साल यानी 2017 में भी चुनाव संख्याओं  में तब्दीलियाँ आयेंगी.

2012 चुनाव में 403 सीटों पर 6839 लोग उम्मीदवार

  • 2012 चुनावों में  5760 उम्मीदवारो ने हार दर्ज की थी.
  • दिलचस्प बात ये थी कि 7.5 करोड़ की जनता द्वारा मतदान करने के बावजूद.
  • मतदान प्रतिशत 59.4% रहा.कुल मतदाता संख्या 12 करोड़ थी.
  • सात करोड़ पुरुष और पांच करोड़ महिलाएं इस वोटिंग जनसँख्या में दर्ज थे.
  • 3,975 मतदाता दूसरी लिस्ट में सूचीबद्ध हैं.

222 पार्टियाँ चुनावी मैदान में उतरीं ,दस ने लहराया परचम

  • 1691 निर्दलीय उम्मीदवारों में से केवल छह ने जीत दर्ज की.
  • कुछ राष्टीय और राज्य दलों के अलावा किसी को भी वोट शेयर से कोई लेना देना नहीं है.
  • हैरानी की बात है शेष दलों को सबसे कम एक प्रतिशत वोट मिले.
  • 19 प्रतिशत पार्टियाँ एक प्रतिशत वोट की लाइन को पार कर पाए.
  • अगर सभी पार्टियों की बात की जाए तो अधिकांश 0.05 प्रतिशत वोट भी नहीं हासिल कर पाए थे.
  • एक चिंताजनक तथ्य ये था जब तक महिलाएं चुनाव में हिस्सा ले रहीं थी.
  • उस वक़्त चुनाव में  महिला प्रधिनित्व ज्यादा नहीं हुआ करता था.
  • 6839 चुनावी कैंडिडेट्स में से 420 महिलाएं थीं.
  • 1054 अनूसूचित जाति के कैंडिडेट्स में से 163 महिलाएं थीं.

403 सीटों में से 318 समान्य वर्ग के थे,85 आनूसूचित जाति के लिए आरक्षित थीं

  • उत्तर प्रदेश में अनूसूचित जनजाति के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है.
  • साल 2012 कई वास्तविकताओं को प्रतिबिम्ब करता है.कम्युनिस्ट आंदोलन अब मर चुका है.
  • दोनों सीपीआई और सीपीएम, जो राष्ट्रीय स्तर पार्टियां हैं.राज्य में सकारत्मक स्तर बनाने में विफल रहीं हैं.
  • सीपीआई ने अपने 51 उम्मीदवार उतारे थे सबको हार का मुहं देखना पड़ा.
  • सीपीएम के 17 उम्मीदवारों में से 16 पिछले चुनाव में हार गए थे.
  • ग्रैंड ओल्ड पार्टी ने 355 सीटों पर चुनाव लड़ा पर केवल 28 सीटों पर जीत हासिल कर पाए.

साल 2012 – भाजपा,सपा और बसपा के आंकड़े

  • भारतीय जनता पार्टी जो इस समय केंद्र में शासन कर रही है.
  • उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा भाजपा उम्मीदवारों की बात कर रही थी.
  • उन्होंने भी साल 2012 में बहुत अच्छा परिणाम नहीं दिया.
  • 398 सीट्स पर लड़ते हुए 47 पर जीत दर्ज की.जबकि 229 भाजपा उम्मीदवारों ने हार का सामना किया.
  • समाजवादी पार्टी ने 401 सीटों पर लड़ते हुए 224 सीटों पर जीत दर्ज की.
  • बसपा ने 403 सीटों पर लड़ते हुए 80 सीटों पर जीत हासिल की,51 सीटों पर बसपा ने हार दर्ज की.
  • लगभग 227 निर्वाचन सीटों पर 15 से ज्यादा उम्मीदवार थे.
  • 161 सीटों पर 11-15 उम्मीदवार थे.केवल 15 सीटों पर 6-10 उम्मीदवार थे.
  • एक सीट पर सबसे ज्यादा 34 उम्मीदवार दर्ज हैं जबकि सबसे कम सात उम्मीदवार हैं.
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