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एफएलसी जांच में चुनाव से पहले ही फेल हो गईं 272 मशीनें

272 Machines Failed in FLC Test Before Lok Sabha Election

272 Machines Failed in FLC Test Before Lok Sabha Election

अगले कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन इन चुनावों से पहले ही फर्स्ट लेबल चेकिंग (एफएलसी) में 272 मशीनें फेल हो गईं। बेंगलुरु से आए इंजिनियरों की टीम ने खराब मशीनों को वापस भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) को भेज दिया है। जल्द ही वहां से नई मशीनों की खेप मंगवाई जाएगी। उसके बाद उसकी भी चेकिंग होगी। एफएलसी में फिट होने पर ही नई मशीनों को लोकसभा चुनाव में वोटिंग की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जांच में 272 मशीनें मिलीं खराब[/penci_blockquote]
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अभय किशोर ने बताया कि 4312 वीवीपैट, 4312 कंट्रोल यूनिट और 5829 बैलेट यूनिट की एफएलसी करवाई गई है। इनमें 272 मशीनें खराब मिलीं। खराब पाई गईं मशीनों में 84 बैलेट यूनिट (बीयू), 161 कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 27 वीवीपैट शामिल हैं। खराब पाई गईं सभी मशीनों को बेंगलुरु स्थित भेल में रिपेयरिंग के लिए भेज दिया गया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेललगाकर करवाई जाएगी वोटिंग [/penci_blockquote]
लोकसभा चुनाव में इस बार सभी बूथों पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के साथ वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) लगाकर वोटिंग करवाई जाएगी। प्रशासन ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है। इसी कड़ी में बेंगलुरु से एम-3 ईवीएम मंगवाई गई थीं। ईवीएम व वीवीपैट मशीनों को रमाबाई रैली स्थल में बनाए गए गोदाम में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। चुनाव से पहले ईवीएम व वीवीपैट की चेकिंग के लिए बेंगलुरु से इंजिनियर्स की टीम बुलाई गई थी। इंजिनियर्स की टीम ने रमाबाई रैली स्थल में करीब 15 दिन तक ईवीएम व वीवीपैट की एफएलसी करवाई।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]384 प्रत्याशियों और 24 बैलेट यूनिट की होगी जानकारी[/penci_blockquote]
लोकसभा चुनाव में इस बार थर्ड जेनरेशन की ईवीएम से चुनाव करवाया जाएगा, इसीलिए इसका नाम एम-3 ईवीएम रखा गया है। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एम-3 ईवीएम की विशेषता यह है कि इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता है। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। अगर कोई इस ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा या इसका स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो मशीन बंद हो जाएगी। मशीन में रियल टाइम क्लॉक और डायनेमिक को¨ड जैसी विशेषता है। खास बात यह है कि एम-3 ईवीएम में 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी होगी। इससे पहले सिर्फ चार यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही रखी जा सकती थी। इस मशीन को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलुरु और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हैदराबाद में तैयार किया गया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]चुनाव से पहले दोबारा होगी एफएलसी[/penci_blockquote]
लखनऊ के अलावा अन्य जिलों में भी ईवीएम व वीवीपैट की एफएलसी की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। बेंगलुरु स्थित भेल से आने वाली ईवीएम व वीपीपैट की एफएलसी के बाद ही उन्हें चुनाव की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा चुनाव से पहले एक बार फिर सभी ईवीएम व वीवीपैट की एफएलसी करवाई जाएगी। अगर किसी भी मशीन में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे बदलकर उसकी जगह नई मशीन लगाई जाएगी।

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