जेपी इन्फ्रा के दिवालिया घोषित हो जाने के बाद से निवेशकों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में शनिवार की सुबह हजारों निवेशक नोएडा (32 thousand subscribers) के सेक्टर 128 स्थित जेपी इन्फ्रा के दफ्तर पहुंच गये। मगर मैनेजमेंट की ओर से जब उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो वे उग्र हो गये।
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- देखते ही देखते वे मुख्य गेट को तोड़ने लगे।
- दरअसल, जेपी इन्फ्रा में करीब 32 हजार निवेशकों के फ्लैट के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
- फिलहाल कम्पनी के पास अपनी माली हालत को सुधारने के लिए करीब 270 दिन ही शेष बचे हैं।
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वहीं, हर पल इस मामले में कुछ नये तथ्य जुड़ते चले जा रहे हैं….
- 1. हज़ारों की संख्या में नाराज निवेशकों ने नोएडा के सेक्टर 128 स्थित जेपी इन्फ्रा के दफ्तर को घेर लिया।
- 2. नाराज निवेशकों ने मुख्यालय का गेट तोड़ दिया। देखते ही देखते सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई।
- 3. नोएडा में भयानक प्रदर्शन और हंगामा का दौर जारी हो गया। जेपी में करीब 32 हजार ग्राहकों के फ्लैट फंसे।
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- 1. जेपी इंफ्राटेक के अलावा 11 अन्य कंपनियों को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाला गया है।
- 2. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) की इलाहाबाद बेंच ने गुरुवार को देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में शामिल जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाला था।
- 3. कोर्ट ने ये फैसला आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था।
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- 4. इस फैसले के साथ ही जेपी बिल्डर की फ्लैट की बुकिंग कराने वाले लोगों के आशियाने पर संकट के बादल छाने लगे थे।
- 5. जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद अब कुल 270 दिनों का समय दिया गया है।
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- 6. इस समय के दौरान कंपनी को अपनी आर्थिक स्थिति सुधार कर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूल के सामने अपना पक्ष रखना होगा।
- 7. अगर कंपनी अपनी (32 thousand subscribers) आर्थिक स्थिति सुधारने में नाकाम रहती है तो फिर कंपनी की तमाम संपत्ति को नीलाम करके कर्ज की रकम वसूली जाएगी।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.