राजधानी के मलिहाबाद इलाके में एक बुजुर्ग की सोते समय लाठी डण्डों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गयी। सुबह शौच के लिए गये ग्रामीणों ने शव देखा तो हत्या का पता चला। ग्रामीणों ने ससुराल में रह रही मृतक की पुत्री को सूचना दी। पुत्री की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजकर पुत्री की तहरीर पर अज्ञात लोगों द्वारा हत्या किये जाने का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

यह है पूरा मामला

  • जानकारी के मुताबिक, मोहम्मदनगर, रहमतनगर गांव निवासी किसान शिवशंकर मौर्य (55) की पत्नी की कई वर्ष पहले मृत्यु हो गयी थी।
  • उसके बाद इकलौती बेटी सुनीता की शादी शिवशंकर ने रहीमाबाद चौकी के तरौना गांव में कर दी थी।
  • परिवार में शिवशंकर का छोटा भाई जयपाल मौर्य पिछले कई वर्षों से मानसिक रोग से ग्रस्त होकर शिवशंकर से रंजिश रखता था। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार दोनों भाइयों में जोरदार मारपीट हो चुकी थी।
  • जयपाल आये दिन भाई को जान से मारने की धमकियां देता रहता था।
  • कई-कई दिनों तक घर नहीं लौटता था।
  • इसलिए जयपाल के व्यवहार से दुखी होकर शिवशंकर अपना ज्यादातर समय गांव के बाहर स्थित आम के बाग में पिता की समाधि के पास बनाये गये कमरे में रहते थे और रात्रि निवास भी करते थे।
  • विवाहिता पुत्री सुनीता महीने में एक दो बार आकर पिता का मनोबल बढ़ा देती थी।
  • पुत्री सुनीता के मुताबिक, मंगलवार शाम को भोजन करने के उपरान्त पिता शिवशंकर बाग स्थित आवास मेें सोने के लिए चले गये थे।
  • सवेरे उन्हें पड़ोसियों से फोन द्वारा पिता की हत्या की सूचना मिलने पर घटनास्थल पर आकर देखा तो पिता का मृत अवस्था में शव मिला।
  • शरीर पर लाठी डण्डों से पिटाई के निशान मिलने से लगता है कि उनकी लाठी डण्डों से पीट पीटकर निर्मम हत्या की गयी है।
  • सुनीता ने यह भी बताया कि गर्दन के पास किसी धारदार औजार से वार करने से घाव के निशान के साथ-साथ अगौंछे से गला कसकर मारने के निशान भी थे।
  • मृतक शिवशंकर तीन भाई रामशंकर उर्फ मधु (70), विजयपाल (55) तथा जयपाल (50) अलग-अलग रहते थे।
  • गांव में चर्चा है कि जयपाल पिछले कई दिनों से जान से मारने की धमकियां दे रहा था।
  • पुत्री सुनीता के तीन बेटे कल्लू, सोनू और मोनू हैं तथा सुनीता के पति की एक साल पहलेे सड़क दुर्घटना में मौत चुकी है।
  • मृतक को मिलाकर चारों भाइयों पर एक बीघे जमीन है जिसमें पांच-पांच बिसुआ ही जमीन हिस्से पर थी।
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