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गोमती नगर में 10 माह के भीतर 7वां थानेदार तैनात

राजधानी के वीआईपी थाने गोमतीनगर पर ग्रहण छटने का नाम नहीं ले रहा है। यहां की थानेदारी कांटों के ताज से कम नहीं है। 10 महीने के भीतर बुधवार को यहां सातवें थानेदार के रूप में अपराध शाखा में तैनात अम्बर सिंह की तैनाती की गई। इससे पहले तैनात रहे थानेदार अपने कार्यकाल का एक महीना भी पूरा नहीं कर सके। एसएसपी दीपक कुमार ने बुधवार को गोमती नगर के अलावा और थानेदारों को इधर से उधर कर दिया। जानकीपुरम में तैनात इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश शुक्ला को हुसैनगंज थाने की कमान सौंपी गई। यहां तैनात रहे इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह को बीते दिनों चिनहट का चार्ज दिया गया था। इसके बाद से हुसैनगंज खाली पड़ा था। गुरुवार से विधानसभा सत्र शुरू होने के चलते यहां इंस्पेक्टर की तैनाती की गई। जानकीपुरम का चार्ज गोमती नगर में तैनात रहे इंस्पेक्टर पीके झा को दिया गया।

इस क्षेत्र में रहते हैं तमाम अफसर

गोमती नगर में प्रदेश के तमाम आईएएस, आईपीएस अफसर, जज, सांसद मंत्री विधायकों के अलावा अन्य सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता और मीडियाकर्मी से रिटायर्ड अफसर रहते हैं। सबकी नजर पुलिस के क्रियाकलाप, गस्त व सुरक्षा व्यवस्था पर रहती है। इसके चलते थाने की पुलिस पर बेहद दबाव रहता है। पुलिस की गश्त या सक्रियता में जरा सी भी कोताही होने पर उपरोक्त अधिकारी और नेता पुलिसकर्मियों की खुद क्लास लगाने लगते हैं या फिर आला अफसरों से शिकायत कर देते हैं। ऐसे में थानेदार से लेकर सिपाही तक के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। साल भर के दौरान यहां तैनात रहे थानेदारों ने चंद दिनों में ही हथियार डाल दिए और अधिकारियों से अपने तबादले की गुहार लगाई।

दरोगाओं ने जूनियर की तैनाती से काम करना कर दिया था बंद

गोमती नगर थाने में दरोगाओं की फौज है। सीनियर दरोगा अपने जूनियर को थानेदार बनाने से भड़क जाते हैं और बात तक नहीं करते। थाने के स्टाफ में कोल्ड वार की स्थिति बनी रहती है। अजयप्रकाश त्रिपाठी इसी कोल्ड वार का शिकार हुए थे। उनकी तैनाती के बाद गोमती नगर के आधे से ज्यादा दरोगाओं ने काम करना ही बंद कर दिया था।

10 माह में 7 थानेदार हुए तैनात

जानकारी के मुताबिक, हजरतगंज कोतवाली में लंबा कार्यकाल गुजारने वाले तेज तर्रार इंस्पेक्टर विजय मल को 23 अप्रैल 2017 को यहां का चार्ज सौंपा गया, तो वह 24 दिन में ही हाफ गए। उनके बाद आए सब इंस्पेक्टर अजय प्रकाश त्रिपाठी भी कुछ दिन में ही बीमार हो गए और एसएसपी को चार्जर से हटाने की गुहार लगाई। उन्हें 26 दिन बाद हटा दिया गया था। उसके बाद आए स्पेक्टर सुजीत कुमार दुबे भी 27 दिन ही थाने में रह सके। एसओ विश्वजीत सिंह ने करीब डेढ़ महीना काटा।

इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश शुक्ला ने सबसे लंबा साढ़े चार महीने का कार्यकाल बिताया। उन्होंने भी VIP थाने के चार्ज से परेशान होकर कहीं और तैनात करने की मांग की। इसके बाद पुलिस लाइन में पड़े इंस्पेक्टर पीछे जहां को एसएसपी ने गोमती नगर की कुर्सी सौंपी और वह भी एक महीने बाद हटा दिए गए। बुधवार को चार्ज में आए अम्बर सिंह के लिए यहां की थानेदारी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि वे इससे पहले व हाई सिक्योरिटी जोन सीएम आवास वाले गौतमपल्ली थाने और माल के थाना प्रभारी रह चुके हैं।

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