अपने हक की लड़ाई लड़ रही निदा खान के खिलाफ दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से फतवा जारी कर दिया गया है. निदा खान ने फतवा जारी करने वाले मुफ़्ती, मौलवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. उन मौलवियों ने निदा खान को इस्लाम से बेदखल कर के हिंदुस्तान छोड़ने का फरमान भी सुनाया है.

महिला सशक्तिकरण की मिसाल:

आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ डटकर खड़ी हैं. इनका कहना है की महिलाओं के वजूद को ख़त्म करने की साज़िश चल रही है.

जबसे फतवा जारी हुआ है तब से निदा और उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार शुरू हो गया है. उनका मानना है की ऐसे फतवा जारी करने वालों को मुस्लिम महिलाओं का शिक्षित होना, उनका काम करना, यहां तक कि गूगल इस्तेमाल करना नागवारा है. निदा अपने ट्रस्ट के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं की मदद करती हैं और उन्हें उनके अधिकारों को लेकर जागरूक बनाती हैं.

एक और फतवा:

निदा खुद तीन तलाक पीड़िता हैं, इसीलिए वो ये लड़ाई बिना किसी से डरे अकेले लड़ रही हैं. उनका मानना है की वो एक आज़ाद मुल्क में रहती हैं और यहाँ किसी का हक नहीं है की उनको उन्ही के मुल्क से बेदखल कर दे.

22 जुलाई को ही उनके खिलाफ एक और फतवा जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था की उनकी छोटी काट के लाने वाले को 11786 रूपए देने का ऐलान किया है. 

शिकायत दर्ज करने की मांग:

निदा ने फतवा जारी करने वाले मुफ़्ती, मौलवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने दिए एफआईआर के आदेश. बारादरी थाने में दर्ज होगी फतवा जारी करने वाले मुफ़्ती, मौलवियों के खिलाफ एफआईआर.

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