इस दिव्यांग बच्ची के परिजनों की पुकार भी सुन लीजिए सरकार.

Uttarpradesh.Org के अमेठी संवाददाता से किया अपना दर्द बयां.

 

अमेठी : प्रदेश सरकार दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार उन्हें कृत्रिम उपकरण मुहैया करा रही है.

लेकिन सूबे में न जाने कितने ऐसे दिव्यांग हैं जो सरकार के इस उपहार से अछूते हैं.

उनतक ना ही किसी प्रकार की राजनीतिक मदद पहुंची है ना ही प्रशासनिक.

सीडीओ ने कहा जल्द दिलवाई जाएगी ट्राई साईकिल की सुविधा.

इन दिव्यांगों के परिजन आज भी सरकार और प्रशासन की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं. इसी कड़ी में अमेठी के मुसाफिरखाना विकासखंड अंतर्गत कोदैली मठा निवासी 12 वर्षीय चंदा का नाम भी शामिल है, जो जन्म से ही दिव्यांग है.

दरअसल मुसाफिरखाना क्षेत्र के कोदैली मठा निवासी दिव्यांग बालिका चंदा को एक अदद ट्राई सायकिल की दरकार है. जिसको लेकर बालिका के परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

नान्हू साहू की 12 वर्षीय पुत्री चंदा दोनों पैर से विकलांग है. चलने फिरने में असमर्थ है, बच्ची के पिता मजदूरी करते हैं.

स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारों से गुहार भी लगाई गई, लेकिन अभी तक चंदा को कोई सहायता नहीं मिल पाई. परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि ट्राई साइकिल न होने से चंदा को काफी दिक्कतें हो रही हैं.

चंदा को चलने के लिए जमीन में खिसकना पड़ता है. जिसके कारण आए दिन उसके पैर में जगह-जगह घाव भी हो जाते हैं. परिजनों ने जिला प्रशासन व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी से ट्राई साइकिल दिलाए जाने की मांग की है.

चंदा के परिजन कहते हैं कि वे कई बार सरकारी विभागों में मदद के लिए चक्कर लगा आए हैं लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई.

अब उन्हें दीदी स्मृति ईरानी से उम्मीद है कि वो उनकी बेटी की मदद करेंगी. वहीं जब इस बच्ची को लेकर मुख्य विकास अधिकारी डॉ अंकुर लाठर से बात की गई तो उन्होंने बच्ची की मदद करने का अश्वासन दिया.

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