अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने कहा शिक्षा में बदलाव जरूरी है। इस दिशा में 1986 से कोई भी कार्य नहीं हुआ है। इसलिए सरकार चाहिए कि जिस प्रकार से जीएसटी बनाया गया है, जिसके दूरगामी परिणाम आर्थिक जगत में दिखने लगे है ठीक वैसे ही उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कांउसिल बनाया जाना जरूरी है। जिससे शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ सके।
पूरे वर्ष का खींचा खाका
- आशीष चौहान रविवार को लखनऊ स्थित गन्ना संस्थान में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
- उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए नई शिक्षा नीति लाने जा रही है।
- लेकिन अब तक उसे आ जाना चाहिए इसमें देरी ठीक नहीं है।
- उन्होंने बताया कि शिक्षा व्यवस्था और समाजिक विषयों को लेकर हमारे राष्ट्रीय अधिवेशन बहुत सारे विषय तय किये गये हैं।
- जिसके लिए हमने पूरे वर्ष का खाका खींचा है।
- छात्र अनुपात के आधार पर सर्वसुविधायुक्त छात्रावास एवं महंगाई सूचकांक के आधार पर छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
- जनजतीय महानायकों पर विवि में संगोष्ठी सेमिनार एवं जन्मतिथियों में उत्सव आयोजित किये जाए।
महापुरूषों के इतिहास को पाठ्यक्रम से जोड़ाना जरूरी
- आशीष ने बताया कि वन आधारित उद्योगों के विस्तार एवं विकास हेतु विशेष नीतियों बनायी जानी चाहिए।
- आर्थिक सशक्तिकरण हेतु विशेष उजागार उन्मुखी नीतियां बनाई जानी चाहिए।
- महापुरूषों के इतिहास को पाठ्यक्रम से जोड़ा जाना जरूरी है।
- चौहान ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है, हमारे जो निर्णय हुए हैं।
- उनके प्रस्तावों को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के पास लेकर जायेगें।
- शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है।
- राज्य और केन्द्रीय विवि में शिक्षकों को भरे जाने की जरूरत है।
- शिक्षा के हर विषय को समय-समय पर परिषद बात उठाती रही है।
- वर्तमान में शिक्षा में एकेडमिक मोबलिटी जरूरी है।
- आईईटी और आईआईएम में सभी जगह के शिक्षकों बुलाया जाना चाहिए।
किसी भी कीमत पर बार्दाश्त नहीं किया जायेगा
- देश विरोधी शक्तियों को देश से बाहर निकालने के लिए असम के एनआरसी जैसा महत्वपूर्ण कानून बनाए व नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।
- साथ विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन केन्द्र की स्थापना किये जाने कि जरूरत है ताकि देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए भारतीय सेनाओं का मनोबल बढ़ाया जा सके।
- प्रांत मंत्री रमन सिंह ने कहा कि अभी भी निजी स्कूलों में अवैध फीस वसूली जा रही है।
- इसमें कोई सुधार नहीं आ रहा इसे रोका जाना अनिवार्य है।
- साथ ही सेवा निवृत्त शिक्षकों अगर नौकरी पर रखा गया तो परिषद इसके खिलाफ जमकर विरोध करेगी।
- उन्होंने बताया कि इस बारे में प्रदेश सरकार को अवगत कराया जा चुका है।
- अगर ऐसा निर्णय सरकार लाती है तो यह नवयुवकों के साथ कुठाराघात है जो किसी भी कीमत पर बार्दाश्त नहीं किया जायेगा।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.