बीतें महीने रामपाल यादव के अवैध निर्माण मामले में रामपाल को समाजवादी पार्टी ने बर्खास्त तो कर दिया लेकिन इस फेहरिस्त में यूपी की अखिलेश सरकार के कुछ और भी विधायक हैं जिनपर जमीन पर कब्ज़ा और अवैध निर्माण कराने का आरोप है।

रामपाल यादव को पार्टी से निकालने के बाद सबकी नजरें शारदा प्रसाद शुक्ला पर थी कि अखिलेश यादव शायद इनपर भी नकेल कसें लेकिन अखिलेश यादव ने इन्हे कैबिनेट में जगह देकर तमाम संभावनाओं पर विराम लगा दिया है।

लखनऊ के सरोजनी नगर से सपा विधायक शारदा प्रताप शुक्ला ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की 10 करोड़ से ज्यादा की जमीन पर कब्ज़ा किया हुआ है। एलडीए ने 11 फरवरी को इसे ढहाने की तैयारी शुरू की थी लेकिन विधायक ने वहां पर रामायण का पाठ शुरू कर दिया था। जिस जमीन पर विधायक ने कब्जा किया वह जमीन 1985 को ही एलडीए ने खरीदी थी। इस मामले में एलडीए अभी भी अखिलेश यादव सरकार से कार्यवाही की उम्मीद में हैं।

एक अन्य मामले में सपा की ही शाहजहांपुर जिले की पुवायां सीट से MLA शकुन्तला देवी ने गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर एक में आवासीय प्लाट में चार मंजिला होटल बना लिया है। एलडीए ने इसे सील करा रहा है।

जबकि सपा के मलिहाबाद के विधायक इंदल रावत ने आवास विकास परिषद की विकासनगर की जमीन पर ही कब्जा कर लिया है। रावत ने विकास नगर में आवंटियों के प्लाट पर भी कब्जा कर लिया है। उन्होंने प्लाटों को घेरवा लिया है। आवास विकास परिषद इस जमीन को मुक्त नहीं करा पाया है।

एक अन्य मामले में सपा की ही शाहजहांपुर जिले की पुवायां सीट से MLA शकुन्तला देवी ने गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर एक में आवासीय प्लाट में चार मंजिला होटल बना लिया है। विधायक शकुन्तला देवी व उनके पति शाहजहांपुर के पूर्व सांसद मिथिलेश कुमार ने गोमतनगर के अपने आवासीय प्लाट के करीब 5500 वर्गफुट में होटल बनावाया है। विधायक ने इसका नक्शा आवासीय पास कराया है लेकिन उन्होंने इस पर होटल बनवा लिया है। एलडीए ने करीब एक साल पहले ही विधायक का अवैध निर्माण सील कराया था।

ऐसे में अखिलेश यादव की नीति पर सवाल उठते रहे हैं कि मुख्यमंत्री अपने पार्टी के विधायकों पर अवैध निर्माण के आरोप के बावजूद कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं। बीते दिनों कैबिनेट विस्तार के बाद शारदा प्रसाद शुक्ला तो कैबिनेट मंत्री बनाये जाने के बाद से फिलहाल इन विधायकों पर कोई खतरा नहीं दिख रहा है।

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