प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के महासचिव आदित्य यादव के नेतृत्व में सोमवार (31 दिसम्बर 2018) सुबह सैकड़ों की संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता प्रसपा कार्यालय के बाहर इकट्ठे हुए। कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से नारेबजी करते हुए सब्जियों की माला गले में पहन कर प्रदर्शन करते हुए राजभवन के लिए निकले थे। आदित्य यादव के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल पैदल मार्च करते हुए राज्यपाल से मिलकर प्रदेश की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध एक ज्ञापन सौंपने जा रहा था। लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इससे नाराज कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे। विशाल प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मनाने का प्रयास किया लेकिन वह उग्र हो गए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों को धक्कामुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इस दौरान मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ज्ञापन लेकर प्रदर्शन समाप्त कराया। प्रदर्शन के दौरान उस रास्ते सहित आस-पास की गलियां भी जाम से चोक हो गईं। घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने यातायात को सुचारु रूप से चालू करवाया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सरकार महंगाई रोकने में असफल, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर, भ्रष्टाचारी कर रहे मजे [/penci_blockquote]
राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान प्रदेश सरकार जब से सत्ता में आई है प्रदेश का हर वर्ग सरकार की जनविरोधी नीतियों का अत्याचार से पीड़ित है। किसानों को बुनियादी जरूरतें जैसे खाद, बीज, पानी, बिजली के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। बढ़ती महंगाई से कृषि लागत मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है। फसलों की समयबद्ध खरीद व व्यावहारिक न्यूनतम समर्थन मूल्य के अभाव में किसानों को लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। बीज, खाद, सिंचाई पर कोई ध्यान नहीं दिए जाने से बाजार बिचौलियों के कब्जे में चला गया है और किसान कर्ज में डूबता जा रहा है। खरीद केंद्रों में लूट मची हुई है।बिचौलिए और भ्रष्टाचारी मजे कर रहे हैं। सरकार महंगाई रोकने में असफल है। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। प्रदेश में विकास कार्य ठप है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। आज महिलाएं व बच्चे असुरक्षित हैं। जिला, तहसील मुख्यालयों, थाना में किसानों एवं आम जनता का शोषण उत्पीड़न हो रहा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग [/penci_blockquote]
राजधानी में अतिक्रमण व प्रदूषण के नाम पर गरीब, पटरी दुकानदार, टेंपो, ऑटो, रिक्शा चालकों का प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है।प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया ने उत्तर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों को किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ इन सभी बिंदुओं को ध्यान में लाने के लिए निर्णय लिया। पार्टी ने सरकार को अवगत कराने के लिए ये ज्ञापन आपको सौंपा है। ऐसे में पार्टी संवैधानिक व समाजवादी मूल्यों के दायरे में जन आंदोलन करेगी।प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रदेश की आम जनता को हो रही समस्याओं के संबंध में प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से आपको एक ज्ञापन सौंप रही है। प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध अनुरोध करते करते हुए प्रासपा ने राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल के सामने रखी 15 सूत्रीय मांगे[/penci_blockquote]
1- किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए और साथ ही बीज, खाद सस्ता किया जाए। फसल का लाभकारी मूल्य किसानों को दिया जाए।
2- आवारा पशुओं से छुटकारा दिलाया जाए।
3- सभी वर्गों को जातिवाद आबादी के अनुपात में आरक्षण दिया जाए।
4- राजधानी लखनऊ सहित संपूर्ण उत्तर प्रदेश में अतिक्रमण के नाम पर पटरी दुकानदार, ठेला वालों, गुमटी वालों का उत्पीड़न एवं इनको पटना तत्काल बंद करें। विस्थापित और उजाड़े गए लोगों के रोजी-रोटी की व्यवस्था की जाए।
5- प्रदूषण और जाम के नाम पर टेंपो, ऑटो, ई-रिक्शा चालकों का तत्काल उत्पीड़न बंद किया जाए। जिन रूट पर पहले से परमिट दिया गया है उन रूट पर टेंपो, ऑटो, ई-रिक्शा को चलने दिया जाए। बेरोजगारी दूर करने के लिए तत्काल टेंपो, ऑटो परमिट खोले जाएं।
6- वर्तमान सरकार में लखनऊ के जिलाधिकारी कार्यालय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय, नगर निगम, आरटीओ, तहसील, थाना, चौकी, बिजली विभाग, खाद्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाई जाये।
7- विपक्ष के नेताओं/आम जनता के ऊपर द्वेष भावना से दर्ज किए गए मुकदमे को तत्काल वापस लिया जाए।
8- शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने में पारदर्शिता लाई जाए।
9- प्रदेश के बेरोजगारों को सरकार पारिवारिक भरण-पोषण बता दे।
10- अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं प्रदेशभर की महिलाओं पर लगातार हो रहे उत्पीड़न को तत्काल रोका जाए एवं सरकार दोषियों पर कठोर कार्यवाही करें।
11- नहर, तालाब एवं नजूल भूमि पर प्राइवेट बिल्डरों द्वारा किए जा रहे कब्जों को तुरंत रोका जाए एवं जो कब्जे बचे हुए हैं उसे तत्काल खाली कराया जाए।
12- सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों को नियमित खोला जाए।
13- छात्र संघ बहाल किया जाए, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित सभी महाविद्यालयों में चुनाव कराया जाए।
14- प्रदेश के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों एवं आम जनता का बिजली विभाग के द्वारा किया जा रहा है, इस उत्पीड़न को तत्काल बंद किया जाए एवं घोषणा के अनुसार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
15- भीषण ठंड को देखते हुए प्रदेश भर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव रैन बसेरों और अलाव की की व्यवस्था की जाए।

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