सीतापुर में आदमखोर जानवर के हमलो का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा और अभी तक इन जानवरों की पहचान पर भी सवाल बना हुआ हैं. इसी कड़ी में प्रशासन बार बार इन हमलावरों को कुत्ता बता रही हैं लेकिन उनकी शुरू से लेकर अब तक हर रिपोर्ट पर सवाल उठ रहें हैं. सवाल उठता है कि जिला प्रशासन की रिपोर्ट में कितनी सच्चाई हैं?

जिला प्रशासन ने सरकार को भेजी रिपोर्ट: 

सीतापुर में हमलावर जानवर की पहचान अब तक गुत्थी बनी हुई हैं क्योंकि जिला प्रशासन लगातार कुत्तों को ही हमलावर मान रहा हैं. लेकिन इससे इतर कई ऐसे तथ्य सामने आये जो अन्य किसी जंगली जानवर की ओर इशारा कर रहे हैं.

बहरहाल जिला प्रशासन की ओर से शासन को एक रिपोर्ट भेजी गयी हैं. जिसमे कुत्तों को ही हमला करने वाला जानवर बताया गया है। प्रशासन का दावा है कि आईवीआरआई की रिपोर्ट में भी हमला करने वाले सामान्य कुत्ते बताए गए हैं।

SitapurExpose: हमलावर भेड़िये के सबूतों को छिपा रहा प्रशासन

बता दें कि सीतापुर जिले के खैराबाद इलाके से इन हमलों की शुरुआत नवंबर 2017 से हुई। कुत्तों की तरह दिखने वाले जानवरों के एक झुंड ने मासूम बच्ची को नोचकर मार डाला। जिसके बाद एक के बाद एक इन नरभक्षी हमलावरों ने 14 बच्चों की जान ले ली और 30 से ज्यादा लोगों को बुरी तरह नोचकर जख्मी कर दिया।

रिपोर्ट पर उठे सवाल:

इस मामले मे आईवीआरआई सहित कई संस्थानों के विशेषज्ञों ने जिले का दौरा कर डीएनए व अन्य सैंपल लिए थे। इस मामले में पशु प्रेमी इन हमलों के पीछे कुत्ते ना होकर जंगली जानवरों का होना बता रहे हैं।

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वहीं इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर है। प्रशासन का कहना है, कि आईवीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में हमला करने वाले जानवर सामान्य कुत्ते बताए हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट हर्ष देव तिवारी ने बताया कि हमलावर सामान्य कुत्ते ही हैं, यही रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

SitapurExpose: SC में दावा कि सीतापुर में बच्चों पर हमला करने वाले कुत्ते नहीं

पहली रिपोर्ट पर सवाल:

ह्यूमन सोसाइटी इंडिया की टीम आई और चली गयी. उनके बयान में जारी हुआ कि बच्चों की मौत खूखार कुत्तों के काटने से हुई. जबकि डीएम सीतापुर के इस ब्यान का सोसाइटी ने खंडन किया कि हमने ऐसी कोई रिपोर्ट जारी की .

दूसरी रिपोर्ट पर सवाल:

आरवीआरआई यानी इंडियन वेनेटरी रिसर्च इंस्टिट्यूट की टीम आई. स्लाइवा लिया और पोस्टमार्टम किया और चले गये. रिपोर्ट में आया कि कुत्तों की मौत ट्रॉमा और ज्यादा खून बहने से हुई .

सवाल उठता हैं कि क्या खूखार कुत्तों को इतनी बुरी तरह पीट पाना मुमकिन था.?

IVRI की रिपोर्ट: घरेलु नस्ल के निकले सीतापुर में मारे गये कुत्ते

वहीं जिला प्रशासन ने आरवीआरआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बच्चों की मौत का कारण कुत्तें हैं. जबकि आरवीआरआई ने इस तरह की किसी भी रिपोर्ट से इनकार किया.

तीसरी रिपोर्ट पर सवाल:

जिलाधिकारी सीतापुर ने जिसे जांच कमेटी में नियुक्त किया और बताया कि ये डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के सदस्य हैं. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने ऐसे किसी भी व्यक्ति के संस्था से जुड़ा होने पर इनकार कर दिया.

प्रशासन की कार्यविधि पर सवाल:

सीतापुर में हो रहे हमले के चलते कुछ सवाल हैं जो सामने आते हैं,  जिनमे कुछ बाते साफ हैं,  जैसे-
1 – IVRI की टीम ने कहां से और किन जगह से सैम्पल लिए ?
2 – किनके ऊपर और कितने दिन किया गया अध्ययन ?
3 – कहाँ कहाँ पर Behaviour study की गई?
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