उत्तर प्रदेश: ऐसी चर्चा है कि सपा के प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव और RLD के अध्यक्ष अजित सिंह गठबंधन को लेकर संपर्क में हैं। अगर ये गठबंधन होता है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को मजबूती मिल सकती है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अजित सिंह की पार्टी का जनाधार मजबूत है और अजित सिंह की इस क्षेत्र में लोकप्रियता भी कम नहीं है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की मौजूदा सपा सरकार RLD के साथ मिलकर बसपा को कमजोर करने की कवायद में जुटी हुई है।

बता दें कि प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां अपने आप को मजबूत स्थिति में लाने की कोशिशों में जुटी हुई है और इस लिहाज से RLD और सपा का गठबंधन मायावती के चुनाव अभियान के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

सपा को बखूबी एहसास है कि प्रदेश में बसपा और उसके जनाधार को नजरअंदाज करना बड़ी भूल साबित हो सकती है और इसीलिए बसपा को रोकने की तमाम कोशिशें अभी से शुरू हो गई हैं। सपा हर वो हथकंडा आजमाने की कोशिश कर रही है जिससे प्रदेश में बसपा को कमजोर किया जाये और अपनी जीत की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। हालांकि इस गठबंधन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

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पिछले विधानसभा के चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो सपा ने 224 सीटों पर जीत हासिल करके सत्ता में आई थी वहीँ RLD के खाते में 9 सीटें आई थी। जबकि बसपा के खाते में 80 सीटें आई थी। 

RLD ने जहाँ 45 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे वहीँ सपा ने 401 सीटों पर जबकि बसपा ने 403 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। पार्टियों को मिले हुए वोट प्रतिशत की बात करें तो सपा ने 29.13 % तो बसपा को 25.91% और RLD को 2.33% मत मिले थे। 

लेकिन RLD ने जिन 45 सीटों पर चुनाव लड़ा था वहां पर उनका मत प्रतिशत 20.05 था और कहा जा रहा है कि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए RLD के साथ गठबंधन को लेकर शिवपाल सिंह यादव रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। 

हालांकि RLD के साथ गठबंधन पर बीजेपी की नजरें भी जमीं हुई है और बीजेपी भी अजित सिंह के संपर्क में हैं। वहीँ संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी जल्दी ही पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित कर सकती है।

 

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