2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में गठबंधन हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि ये गठबंधन लोकसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता में फिर से आने से रोकेगा। दोनों दलों के नेता भी मिलकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं लेकिन अभी तक दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों अखिलेश यादव और मायावती ने मंच साझा नहीं किया है। लेकिन अब दोनों दलों के नेताओं को एक साथ देखने की चाहत बहुत जल्द सभी की पूरी होने वाली है।

पहली बार साथ दिखेंगे माया-अखिलेश :

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा की दोस्ती होने के बाद मायावती व अखिलेश यादव पहली बार सार्वजनिक तौर पर एक साथ दिख सकते हैं। ये दोनों नेता बुधवार को बंगलुरू में होने वाले जनता दल सेक्युलर नेता HD कुमारस्वामी के नेतृत्व में गठित होने जा रही सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। कुमारस्वामी ने शपथ ग्रहण समारोह में गैर-भाजपाई दलों के लगभग सभी नेताओं को आमंत्रित किया है। इस शपथ ग्रहण समारोह में मायावती व अखिलेश को खासतौर पर बुलाया गया है। दोनों वहां जाने पर सहमति जता चुके है। कर्नाटक के घटनाक्रम के बाद मायावती का कद विपक्षी दलों में काफी बढ़ा है। राज्य के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी का 1 प्रत्याशी भी विजयी हुआ है।

 

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दोस्तों से मिलेंगे अखिलेश :

कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने भी किस्मत आजमाई थी लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। भाजपा के खिलाफ विपक्ष की मोर्चेबंदी में अखिलेश यादव की भी ख़ास भूमिका है। आज तक किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में अखिलेश-मायावती साथ नजर नहीं आए हैं लेकिन फूलपुर व गोरखपुर उपचुनाव में जीत के बाद अखिलेश ने खुद मायावती के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी और बधाई दी थी। इस पर अखिलेश ने कहा कि कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह को राजनीति से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने कर्नाटक से पढ़ाई की है तो मैं अपने इंजीनियरिंग के दोस्तों से मुलाकात करूंगा और दक्षिण भारत के भोजन का भी आनंद लूंगा।

 

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