उत्तर प्रदेश के इटावा जिले को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। यहाँ पर सपा के बागी शिवपाल सिंह यादव ने सेक्युलर मोर्चे के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में उनके समर्थक वहां मौजूद रहे थे। जिस समय शिवपाल इटावा में थे, उनके बड़े भाई और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव अचानक लखनऊ में सपा दफ्तर पहुंचे। खास बात रही कि मुलायम के साथ उनके बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी थे जहाँ पर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें विजयदशमी की बधाई दी।

एक बार फिर साथ दिखे अखिलेश-मुलायम :

लंबे समय बाद मुलायम सिंह यादव पार्टी दफ्तर में बेटे अखिलेश यादव के साथ पहुंचे। समाजवादी पार्टी दफ्तर में अचानक मुलायम का पहुंचना बड़ी सियासी चाल माना जा रहा है।

akhilesh mulayam

ऐसा इसलिए क्योंकि मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल ने सपा से बगावत करके एक नई पार्टी बना ली है और इटावा में अपनी पार्टी कार्यालय के उद्घाटन पर बयान दे रहे हैं कि उनकी पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की लड़ाई भाजपा से है और कोई मुकाबले में नहीं है। इसके अलावा शिवपाल ने 2022 में उत्तर प्रदेश में सेक्युलर मोर्चे की सरकार बनने की बात कही है।

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निकल रहे कई सियासी मायने :

मुलायम सिंह यादव अपने बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ भी दिख रहे हैं और सपा के बागी और अपने भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ भी। ऐसे में कोई भी उनके संकेतों को नहीं समझ पा रहा है।

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शिवपाल के साथ आकर भी मुलायम ने कभी नहीं कहा कि वे उनके साथ हैं लेकिन फिर भी वे अखिलेश यादव के साथ नजर आ रहे हैं और सपा कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करने की बात कह रहे हैं।

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राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि मुलायम अभी अपने पत्ते नहीं खोलेंगे। वह इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि शिवपाल और अखिलेश के बीच सुलह हो सकती है या नहीं। मुलायम का ये संदेह पार्टी को 2019 लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचा सकता है।

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