उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित विभिन्न जनपदों के शहरी इलाकों में रह रहे लोग घरों को सजाने में ज़्यादातर चाईनीज़ फूलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि प्लास्टिक या फाईवर से बने इन फूलों को रख रखाव या देखभाल की ज़रुरत नही होती और न ही मिटटी या खुली जगहों की ज़रूरत होती है.

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  • शायद यही कारण है की शहरी इलाकों में इनकी डिमांड बहुत ज्यादा रहती है.
  • लेकिन फूलों से फूल किसानों को बहुत ही ज्यादा निकसान का उठाना पड़ रहा है.
  • जिसके चलते यूपी के बाराबंकी जनपद में इन फूलों पर रोक लगा दी गई.
  • जिसका आदेश खुद बाराबंकी के जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने दिया है.

जरबेरा ग्लैडियोलस और गुलाब किसानों को हो रहा नुक्सान-

  • यूपी के बाराबंकी क्षेत्र में बहुत से किसान फूलों की खेती करते हैं.
  • यहाँ के किसान ज़्यादातर जरबेरा ग्लैडियोलस और गुलाब की खेती करते हैं.
  • जिसे ये लोग फूलों या पौधों के रूप में लखनऊ और आस-पास के इलाकों में बेंचते हैं.
  • लेकिन प्लास्टिक और फाईवर से बने चाईनीज़ फूलों के आने के बाद से इन किसानों को ख़ासा नुक्सान उठाना पड़ रहा है.

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  • दरअसल नकली जरबेरा ग्लैडियोलस देखने में बिलकुल असली की तरह हैं.
  •  जिसक कारण नकली चाईनीज़ फूलों और पौधों की खरीद असली फूलों से ज्यादा हो गई.
  • ऐसे में असली जरबेरा ग्लैडियोलस बेंचने वाले किसानों बहुत नुक्सान झेलना पड़ रहा है.
  • बता दें कि प्लास्टिक और फाईवर से निर्मित ये चाईनीज़ फूलों सेहत के लिए भी हानिकारक हैं.
  • ऐसे में किसानों की मांग पर डीएम बाराबंकी ने चाईनीज़ फूलों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

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