4 अक्टूबर, 1992 को लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में मुलायम सिंह यादव ने एक नई पार्टी की घोषणा की, जिसका नाम है समाजवादी पार्टी। राम मनोहर लोहिया और राज नरायण जैसे समाजवादी विचारधारा के नेताओं की छत्रछाया में राजनीति का ककहरा सीखने वाले मुलायम ने इस दिन समाजवादी पार्टी की नींव रखी। पार्टी ने लगातार कामयाबी के कई पड़ाव पार किये। समाजवादी पार्टी उस वक्त से लेकर अब तक एक लंबा सफर तय कर चुकी है। इस पार्टी के दम पर ही मुलायम सिंह यादव तीन बार खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। पार्टी कि सफलता ही थी जिसने उनके बेटे अखिलेश को सबसे कम उम्र में सीएम बनाया। आज पार्टी पूरी तरह से अखिलेश के रंग में रंगी हुई है, अखिलेश पार्टी में सर्वमान्य नेता के रूप में अपनी छवि बनाने में कामयाब रहें।

  • अखिलेश यादव ने कहा कि देश और दुनिया को समाजवादियों ने तरक्की का रास्ता दिखाया है।
  • उन्होंने कहा कि रजत जयंती एक ऐतिहासिक पल है,  पार्टी का रजत जयंती समारोह है इसलिए मैं ज्यादा नहीं बोलूंगा।
  •  लेकिन अगर किसी को मेरी परीक्षा लेनी हो तो ले सकता है।
  • साढ़े चार साल के अन्दर समाजवादी सरकार ने उदाहरण पेश किया है।
  • हमारीर सरकार ने गरीब माताओं बहनों की आगे बढ़कर मदद की है।
  • समाजवादी पेंशन योजना के माध्यम से महिलाओं को लाभ पहुँचाया गया।
  • यूपी की सियासत देश का भविष्य तय करती है।
  • अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार यूपी को विकास के मार्ग पर ले जाएगी।
  • नेताजी ने साइकिल चलाई है, धूप सही है, मेहनत की है।
  • अगर आप सभी चाहें तो फिर से एक बार समाजवादी सरकार बनेगी
  • युवा और बुजुर्ग सभी समाजवादी पार्टी के साथ हैं, सभी चाहते हैं कि समाजवादी सरकार फिर से सत्ता में लौटे।

प्रजापति पर साधा निशानाः

  • संबोधन में सीएम ने अपने मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर निशाना साधा।
  • मालूम हो गायत्री को सपा प्रमुख का आशीर्वाद प्राप्त है लेकिन अखिलेश उन्हें पसंद नहीं करते।
  • अखिलेश ने मंत्री गायत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वागत में मेरे हाथ में तलवार तो दे देते हो।
  • लेकिन चलाने नहीं देते, तलवार दी है तो चलाने भी दो।
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