संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना से यह सामने आया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूरी तरह मनमाने ढंग से 53 लोगों को यश भारती पुरस्कार दिया था। सूचना के अनुसार वर्ष 2016-17 के लिए यश भारती पुरस्कारों के संबंध में 20 अक्टूबर 2016 को स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में 54 नामों की संस्तुति की गयी जो तत्कालीन संस्कृति मंत्री अरुणा कुमारी कोरी की संस्तुति से अखिलेश यादव को भेजे गए।

अखिलेश यादव ने इसमें बिना कोई कारण बताये शमीमुद्दीन का नाम काट दिया तथा उसी प्रकार मनमर्जी 23 नए नाम जोड़ दिए जिसमे 4 नाम हाथ से बढ़ाए गए थे।इसके बाद अखिलेश ने बिना किसी आधार या संस्तुति के 12 नाम बढ़ाये जिसमे शाबाद रुवैदी का नाम हाथ से बढ़ाया गया था। इसके बाद फिर 06 नए नाम, फिर 03, फिर 29 नवम्बर 2016 को आईएएस सुहास एल वाई सहित 02 तथा 19 दिसंबर 2016 को 07 नए नाम मनमाने ढंग से बढ़ाए गए, जिसका कोई कारण या आधार नहीं पत्रावली में नहीं है। नूतन के अनुसार यह राजनेताओं द्वारा अधिकारों के भारी दुरुपयोग का स्पष्ट उदहारण है।

RTI of Akhilesh Yadav arbitrarily gave Yash Bharti to 53 persons
RTI of Akhilesh Yadav arbitrarily gave Yash Bharti to 53 persons

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