Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

सरकारी बंगले को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर किया पलटवार

akhilesh yadav bungalow

सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी आवास खाली करना पड़ा था। इसके बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपना बंगला खाली किया और वे दूसरी जगह रहने चले गए थे लेकिन सबसे ज्यादा विवादों में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव का बंगला खाली करना रहा था जिसमें बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया था कि इसमें अखिलेश यादव ने बंगला खाली करने के पहले तोड़फोड़ कराई थी। इस मुद्दे पर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के दावों पर पलटवार किया है।

सरकारी बंगले में हुई तोड़फोड़ :

लखनऊ के 4 विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पुराने सरकारी बंगले को जब मीडिया के लिए खोला गया तो सभी लोग हैरान रह गए थे। सरकारी बंगले के अंदर की तस्वीरों में फर्श की टाइलें उखड़ी हुई थीँ, दीवारों पर तोड़फोड़ हुई थी। हर कमरे में तोड़फोड़ किये जाने के निशान दिख रहे थे। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद आरोप लगा कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपनी विलासितापूर्ण जिंदगी के सबूत छिपाने के लिए ये सब किया है। हालाँकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बार-बार सरकार के इन आरोपों का खंडन करते रहे हैं लेकिन फिर भी बीजेपी के नेता और प्रवक्ता सरकारी बंगले पर हुई तोड़फोड़ का अखिलेश यादव पर आरोप लगा रहे हैं।

akhilesh yadav bungalow

सपा ने किया दावा :

समाजवादी पार्टी ने चार विक्रमादित्य मार्ग बंगले में हुए निर्माण के लिए शासनादेश व लखनऊ विकास प्राधिकरण से संबंधित दस्तावेज जारी करते हुए कहा है कि उसमें नियम के मुताबिक निर्माण कराया गया है।

हाल में लोक निर्माण विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया था कि बंगले में निर्माण में हुए गलत तरीके से निर्माण हुआ और उसमें पैसा खर्च हुआ। पार्टी ने कहा कि राज्य संपत्ति विभाग ने इस बंगले को ठीक कराने से पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण से बकायदा नक्शा पास कराया था।

एलडीए के तत्कालीन अभियंता साजिद हसन ने नक्शा पास किया और इसमें किए जाने वाले निर्माण की अनुमति दी। राज्य संपत्ति विभाग ने इसके आधार पर बंगले को ठीक कराया।

सपा का कहना है कि सरकारी बंगला बनाने जो खर्च हुआ, उसकी बकायदा मंजूरी कैबिनेट से ली गई थी। इसका शासनादेश जारी हुआ था। राज्य संपत्ति विभाग ने कैबिनेट से मंजूरी के बाद 89.996 लाख रुपये खर्च किए थे।

Related posts

तस्वीरों मे देखिये लखनऊ के मौसम का मज़ा !

Mohammad Zahid
8 years ago

Desk
3 years ago

मकान गिराये जाने पर महिलाओं और सैकड़ों लोगों ने सड़क जाम किया

Bharat Sharma
7 years ago
Exit mobile version