आगामी लोक सभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इस बीच पार्टी के नाराज नेताओं को भी अखिलेश यादव ने मनाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा पार्टी से निष्कासित नेताओं को भी उन्होंने वापस लाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अखिलेश यादव के निर्देश के बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कई नेताओं की पार्टी में वापसी कराई है।

सपा नेताओं का रद्द हुआ निष्कासन :

यूपी के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत द्वारा निष्कासित किए गए 3 पदाधिकारियों का निष्कासन अवैध करार दिया है। उन्होंने तीनों पदाधिकारियों को पूर्व की भांति ही अपने पदों पर बने रहने को कहा है। इस आदेश के बाद सपा में गुटबाजी की आशंका तेज हो गई है।

सपा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप रावत ने प्रदेश महासचिव अतुल शर्मा, नरेंद्र गुज्जर और महानगर अध्यक्ष हल्द्वानी अबू तसलीम को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित कर दिया था। इन पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष पर गुटबाजी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

25 सालों से सपा से जुड़े हैं :

सपा के प्रदेश महासचिव अतुल शर्मा ने कहा कि वह बीते 25 वर्षो से पार्टी को मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं। कुलदीप रावत गुटबाजी को बढ़ावा देकर पार्टी को समाप्त करने का काम कर रहे हैं। इस पूरे प्रकरण पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला शिरोधार्य है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही लखनऊ जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे और उनसे विचार विमर्श कर प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे।

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