सपा सरकार विकास की बात करती रही है. अखिलेश यादव अपनी हर सभा और संबोधन में यूपी के विकास की बात करते हैं. इस दौरान अखिलेश यादव सरकार की उपलब्धियों को गिनाने से नहीं कतराते हैं. अखिलेश यादव अपने 3 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में खासी दिलचस्पी दिखा रहे थे. इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए सभी अधिकारियों को युद्ध-स्तर पर काम में लगा दिया गया था. कई हजार करोड़ के इन प्रोजेक्ट्स को जल्दी पूरा करना और जनता को सौंपना अखिलेश का सपना था.

अखिलेश यादव ने कई योजनाओं को ‘समाजवादी’ नाम देकर शुरू किया. समाजवादी पेंशन योजना, समाजवादी नमक योजना, समाजवादी एम्बुलेंस सेवा और समाजवादी स्मार्टफोन योजना आदि इसी क्रम में शुरू की गई. 22 दिसम्बर को भी अखिलेश यादव ने समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे योजना का शिलान्यास किया. लेकिन इन सभी के बीच अखिलेश यादव पर विपक्ष ने बड़ा हमला इनके ‘ड्रीम प्रोजेक्ट्स’ के अधूरे रहने पर किया.

अधूरे ड्रीम प्रोजेक्ट्स का किया जा रहा लोकार्पण:

  • अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट्स गोमती रिवर फ्रंट, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और मेट्रो ट्रेन तीनों अभी पूरे नहीं हैं.
  • अखिलेश यादव ने मेट्रो ट्रेन ट्रायल का उद्घाटन भी कर दिया है.
  • लेकिन जनता के लिए मेट्रो कब चलेगी, इसकी कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की गई है.
  • वहीँ गोमती रिवर फ्रंट और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया जा चुका है.
  • एक्सप्रेसवे को 23 दिसम्बर के दिन जनता के लिए खोला जा रहा है.
  • जबकि मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने भी ये भी माना है कि काम अभी पूरा नहीं हुआ है और जनता को थोड़ी सावधानी बरतने की जरुरत है.

लोकार्पण की क्यों है जल्दी:

  • ऐसे में लोकार्पण की इतनी जल्दी में क्यों हैं अखिलेश यादव?
  • क्या अखिलेश यादव को आचार संहिता लगने का डर सता रहा है?
  • चुनाव आयोग ने जैसे ही यूपी में मतदान केन्द्रों का निरीक्षण करना शुरू किया, वैसे ही आचार संहिता लगाये जाने को लेकर कयास तेज हो गए हैं.
  • ऐसा माना जा रहा है कि आयोग जल्दी ही यूपी में चुनाव की घोषणा कर सकता है. 

ड्रीम प्रोजेक्ट बना मिशन वोट प्रोजेक्ट:

  • अखिलेश यादव आनन-फानन में ड्रीम प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण कर रहे हैं.
  • यूपी चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव इन प्रोजेक्ट्स को वोट बैंक के रूप में भुनाने में कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.
  • सरकार को अपनी उपलब्धियां गिनाने का हक़ है लेकिन इन परिस्थितियों में जब प्रोजेक्ट्स पूरी तरह जनता के लिए तैयार नहीं है तब इन प्रोजेक्ट्स के लिए कुछ और समय दिया जाना चाहिए था.
  • लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के वक्त 15 दिसम्बर की तारीख दी गई थी लेकिन काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है.
  • अब यूपी सरकार जनता से सावधानी बरतने की अपील करने की औपचारिकता पूरी कर रही है.

काम पूरा ना होने की दशा में जनता के लिए एक्सप्रेसवे को खोलना जोखिम भरा काम है और अखिलेश सरकार ने चुनाव में इन अधूरे प्रोजेक्ट्स को वोट बैंक के रूप में भुनाने के लिए जनता की सुरक्षा को ताक पर रख दिया है.

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