समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं नेहा यादव, रमा यादव एवं किशन मौर्या ने मुलाकात कर अपने साथ हुये पुलिसिया उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार की जानकारी दी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस घटना को अलोकतांत्रिक और संवेदनहीन बताते हुये इसकी आलोचना की है। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी छात्र नेताओं के संघर्ष में सहयोगी है। ये तीनों वही छात्र हाँ जिन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इलाहाबाद दौरे पर उनके काफिले के सामने आकर काले झंडे दिखाए थे। इसके बाद इन तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

27 जुलाई को दिखाया था काला झंडा :

इलाहाबाद से आये छात्र नेताओं ने अखिलेश यादव को बताया कि 27 जुलाई 2018 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लोकतांत्रिक तरीके से काला झण्डा दिखाने पर उनके काफिले में शामिल पुरूष कमाण्डो और पुलिस ने बाल नोचकर छात्राओं को लाठियों से पीटा। उसके बाद धूमनगंज पुलिस की गाड़ी में बैठाकर जंगल की तरफ ले जाकर सभी को उतार कर जान से मारने की धमकी देकर पीटने लगे। आशा ज्योति केन्द्र में उन्हें रात भर रखा गया और सुबह महिला कांस्टेबल व महिला थाना इंचार्ज द्वारा फिर बाल नोचकर अभद्र गालियां देते हुए कोर्ट ले जाया गया। रास्ते में भी पिटाई भी की गई। इसके बाद फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया।

अमित शाह के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग :

छात्र नेताओं ने मांग की है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने, उन पर लाठियां चलाने वाले कमाण्डो-पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर बर्खास्त किया जाए। भाजपा के जिन लोगों ने आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया है, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो तथा वीडियों से छेड़छाड़ करने वालों पर मुकदमा कायम किया जाए। बता दें कि अमित शाह को काला झंडा दिखाने वाली नेहा यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगी। सपा छात्र सभा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है।

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