आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी रणनीति बनाना शुरु कर दिया है लेकिन शिवपाल के पार्टी से अलग हो जाने से सपा में भगदड़ मच गयी है। कई बड़े सपा नेता पार्टी छोड़कर लगातार शिवपाल यादव के सेक्युलर मोर्चे का दामन थाम रहे हैं। अब इस भागदौड़ से निजात पाने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलायम के सबसे करीबी नेता से मुलाकात की है जिसके बाद नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री से मिले अखिलेश यादव :

समाजवादी पार्टी में चल रही भगदड़ को लेकर अखिलेश ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा से मुलाकात की है। अखिलेश यादव से इस मुलाकात से बेनी प्रसाद वर्मा बहुत खुश हुए हैं। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने उनसे पार्टी को एकजुट रखने में मदद मांगी और अगला लोकसभा चुनाव जीतने के लिए काम करने को कहा। गैर-यादव पिछड़ी जाति के वोट में बेनी प्रसाद वर्मा का बड़ा असर माना जाता है।

अखिलेश ने उनके वोट बैंक को ध्यान में रख कर ही नरेश उत्तम पटेल को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। खबरें हैं कि जल्दी ही अखिलेश की मुलाकात आजम खां और रेवती रमण सिंह से होगी।

मुलायम के करीबीयों को कर रहे एकजुट :

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों अपनी पार्टी के पुराने नेताओं को एकजुट करने में लगे हुए हैं। उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने 2016 के राज्यसभा चुनाव में पार्टी के कई पुराने नेताओं को राज्यसभा में भेजा था। कांग्रेस सरकार में केंद्र में मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा को और आजम खां की पत्नी को और पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह को भी राज्यसभा में भेजा। अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही अखिलेश यादव ने मुलायम के करीबीयों को एकजुट करना शुरू कर दिया है।

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