राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बनती-बिगड़ती रणनीति से समाजवादी पार्टी भी अछूती नहीं है. वहीँ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) भी इस चुनाव पर नजरें जमाये हैं. वह जगह-जगह पर वक्तव्य देते हुए दिखाई दिए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया था कि पार्टी सभी से राय मशविरा करके किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में अपना समर्थन देगी.
भाजपा ने दलित कैंडिडेट उतारा है इस पर समाजवादी पार्टी का अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं देखने को मिला है. लेकिन यह माना जा रहा है कि भाजपा से दूरियां और कांग्रेस के नजदीकी रहने के कारण रामनाथपुरम के पक्ष में अखिलेश यादव शायद ही आएं.
भाजपा से दूरी और कांग्रेस पर जमीं नजरें:
- अखिलेश यादव कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं कि कौन सा उम्मीदवार मैदान में आता है.
- उम्मीदवारी को लेकर काफी बैठकों के बाद भी एक उम्मीदवार पर सहमति नहीं बन पायी थी.
- भाजपा से कड़वाहट के कारण अखिलेश दूसरे खेमें में जा सकते हैं.
- वहीं सपा संरक्षक द्वारा भाजपा के समर्थन में उतरने से थोड़ी मुश्किल बढ़ी है.
- अखिलेश यादव अपने पत्ते अभी पूरी तरह नहीं खोल रहे हैं.
- हालाँकि राज बब्बर ने संकेत दिया था कि रामनाथ कोविंद के समर्थन में कांग्रेस नहीं रहेगी.
- कांग्रेस के साथ नजदीकियों के कारण अखिलेश भी उन्हीं की बोली बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.