समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए सपा ने रणनीति बनाते हुए आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 27 जनवरी को आलू किसानों की तकलीफ पर प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है। राज्य सरकार के खिलाफ होने वाले इस आंदोलन ने लिए अखिलेश यादव ने अपने विश्वसनीय साथियों को जिम्मेदारी सौंप दी है।

अखिलेश ने शुरू की तैयारी :

लखनऊ में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने आलू फेंके गये थे। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरते हुए आलू किसानों के समर्थन में आवाज उठाना शुरू कर दिया है। हालाँकि लखनऊ पुलिस ने जांच के बाद कन्नौज के 2 सपा नेताओं को इस मामले में हिरासत में लिया है। इसे लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हल्ला बोलना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव ने सपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 27 जनवरी को सपा के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है।

इन नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी :

समाजवादी पार्टी के कानपुर जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने बताया कि 27 जनवरी को होने वाले आंदोलन की रूपरेखा बनना शुरू हो गयी है। सिर्फ आलू किसान ही नहीं, देश के सभी किसान परेशान हैं। राज्य सरकार उनकी परेशानियां नहीं समझ रही है। उन्होंने बताया कि सपाई अब गाँव-गाँव जाकर परेशान किसानों से मिलेंगे और उनके आलू की सही कीमत दिलाने के लिए भाजपा प्रतिनिधियों के घर के बाहर धरना देकर प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर नगर से विधायक इरफ़ान सोलंकी, अमिताभ बाजपेयी, पूर्व मंत्री अरुणा कोरी, पूर्व विधायक अरुणा तोमर सहित कानपुर जिलाध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा सपा के कई अन्य पदाधिकारी भी इन लोगों के साथ आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। देखना है कि राज्य सरकार के खिलाफ सपा का ये आंदोलन कितना सफल हो पाता है।

 

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