लखनऊ. देश की सियासत में सबसे बड़े घराने के “युवराज” 17 साल बाद “खास” से “आम” होने जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आज आखिरी दिन है।

शनिवार को विधान परिषद सदस्य के रूप में अखिलेश का कार्यकाल खत्म हो जाएगा।

साल 2000 में कन्नौज से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अखिलेश यादव के साथ 17 साल बाद ऐसा होगा जब वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे।

अब अखिलेश यादव एक आम राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह ही हैं।

जिनका लक्ष्य 2019 में पार्टी की नैय्या पार लगाना है।

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लोकसभा चुनाव लड़ने का पहले ही कर चुके हैं ऐलान

मोदी सरकार की घेरेबंदी में जुटे अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि 2019 में वह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे यानी अगले एक साल तक अखिलेश किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहेंग। 2019 में वो पत्नी डिंपल की सीट से वह चुनाव लड़ेंगे।

बता दें कि अखिलेश सहित 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है। इनमें अखिलेश यादव के करीबी राजेंद्र चौधरी, सुनील कुमार चित्तौड़, एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र उत्तम, मधु गुप्ता, उमर अली खान, चौधरी मुस्ताक, राम सकल गुर्जर, डॉ. विजय प्रताप, डॉ. विजय यादव, डॉ. महेंद्र कुमार सिंह और मोहसिन रजा शामिल हैं

2019 में वो पत्नी डिंपल की सीट से वह चुनाव लड़ेंगे।

बता दें कि अखिलेश सहित 12 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है।

शनिवार को विधान परिषद सदस्य के रूप में अखिलेश का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। साल 2000 में कन्नौज से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अखिलेश यादव के साथ 17 साल बाद ऐसा होगा जब वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। अब अखिलेश यादव एक आम राजनीतिक कार्यकर्ता की तरह ही हैं। जिनका लक्ष्य 2019 में पार्टी की नैय्या पार लगाना है।

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