उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने आज इटरनेशनल विमेंस डे के मौके पर कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर महिलाओं को लक्ष्मीबाई अवार्ड से सम्मानित किया। इन महिलाओं में से 80 महिलाओं को उनके साहस और असीम वीरता के लिए इस आवार्ड से सम्‍मानित किया गया।uttar-pradesh/lucknow/womens-day-cm-akhilesh-felicitates-137-women

महिलाओं को सम्‍मानित करने के लिए आयोजित किये गये इस प्रोग्राम में उन तमाम महिलाओं को सम्‍मानित किया गया जिन्‍होने अपने क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता और अपने आत्‍मविश्‍वास के सहारे समाज को नई दिशा दी है। इस प्रोग्राम में अवार्ड के लिए नामित महिलाओं को सम्‍मानित करने के बाद अखिलेश यादव ने वहां मौजूद जनता को सम्‍बोधित करते हुए कहा कि इन महिलाओं को सम्‍मानित होते हुए देखकर प्रदेश की तमाम महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी। सीएम ने आगे कहा कि सम्‍मानित होने वाली महिलाएं ने पूरे देश में महिला शक्ति को पहचान दिलाई है। उन्‍होनें प्रदेश की तमाम लड़कियों को इटरनेशनल विमेंस डे की बधाई भी दी। इस प्रोग्राम के दौरान अखिलेश यादव की पत्‍नी डिम्‍पल यादव भी महिलाओं का हौसला बढ़ाती हुई दिखी।

इस वर्ष सम्‍मानित हुई महिलाओं में से प्रदेश से बाहर की दो महिलाएं तो है ही, चार फ्रांसीसी महिलाएं भी है। इनके अलावा तीन दर्जन से भी अधिक ग्राम प्रधान महिलाओं को भी लक्ष्‍मीबाई अवार्ड से सम्‍मानित किया गया है। इसके अलावा ऐसिड अटैक के खिलाफ लड़ने वाली महिलाओं को भी प्रदेश सरकार ने अवार्ड देकर उनका हौसला बढ़ाया है। अवार्ड पाने वाली महिलाओं में अरुणिमा सिन्हा (निशक्त पर्वतारोही), वर्तिका सिंह(रनरअप, मिस वर्ल्ड-2015), तूलिका रानी(पर्वतारोही), भारती गांधी (संस्थापिका, सीएमएस लखनऊ) जैसे प्रसिद्ध नाम भी है।

बता दें कि महिला कल्याण विभाग देश-दुनिया में ख्याति पाने वाली महिलाओं को यह अवार्ड देती है। इसके तहत एक लाख रुपये की राशि और मोमेंटो प्रदान किया जाता है।

इस आयोजन के कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार पर महिलाओं को सुरक्षा न दे पाने की नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा कि महिला दिवस पर महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार, दुराचार समाचारों की सुर्खियाँ बने हुए है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बरेली, अलीगढ़, गोण्डा, ग्रेटर नोएडा, अम्बेडकर नगर की घटनाओं का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए कहा कि अखिलेश सरकार महिलाओं को सुरक्षा, स्वालम्बन देने में पूरी तरह फेल हुई।

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा पढ़े बेटियां-बढ़े बेटियां का नारा देने वाली अखिलेश सरकार में यह कितना दुर्भाग्यजनक समाचार है कि अम्बेडकर नगर की एक बेटी ने फीस न दे पाने के कारण मौत को गले लगा लिया। अम्बेड़कर नगर के भीटी थाना क्षेत्र के रिउना बाजार में साईकिल पंचर बनाने वाले एक गरीब की बेटी ने मौत को गले लगा लिया क्योंकि वो पढ़ाई करना चाहती थी, किसी तरह प्रवेश भी ले लिया किन्तु फीस नहीं जमा कर पा रही थी, परीक्षाएं आने वाली थी सो उसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली।

उन्होंने बरेली में बस में महिला से गैंगरेप के समाचार को दुर्भाग्यजनक करार देते हुए कहा कि अखिलेश सरकार के कम होते इकबाल के कारण नारी कही भी सुरक्षित नहीं है। दुःखद और हृदयविदारक स्थिति ये है कि इस सनसनी खेज वारदात में महिला की हालत गंभीर है ही 14 दिन के उसके बच्चे की मौत हो गयी। बरेली के शीशगढ़ थाना क्षेत्र के सिसौना में हुई इस वारदात ने तो मानवता को शर्मसार कर दिया। राजधानी लखनऊ तो युवतियों के शवों का डमपिंग यार्ड की तरह हो गया है। अलीगढ़ में छात्रा को दबंगों ने जिन्दा जलाने का प्रयास किया। गोण्डा में विधायक के परिजनों द्वारा की गयी हत्या का विरोध कर रही जगराम यादव की पत्नी जिसका अभी 9 दिन का बच्चा है, बुरी तरह पिटाई की गयी। ग्रेटर नोएडा में विसरख कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में दुराचार के बाद किशोरी को जिन्दा जलाने के समाचार है। ग्रेटर नोएडा में ही एक इंजीनिरिंग कालेज की छात्राओं ने छात्र पर रेप के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है।

श्री पाठक ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में पुलिस प्रशासन के इकबाल बहाली की बात करने वाली समाजवादी पार्टी के राज्य में प्रशासन का इकबाल ही नष्ट हुआ। चुनाव घोषणा पत्र में कहा था महिलाओं, अल्पसंख्यक, दलितो एवं किसी भी कमजोर वर्ग के लोगों पर जुल्म जाती होती है तो सम्बन्धित जिले के पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार माने जायेंगे। पूरे होते वादे का नारा देने वाले लोग ये तो बतायें कि कितने पुलिस अधीक्षकों पर अब तक इस वादे के तहत कार्यवाही हुई ?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आज महिला दिवस पर रानी लक्ष्मीबाई पुरूस्कार बांट रही अखिलेश सरकार ये भी देखे कि किसी तरह महिलाओं के साथ होने वाली घटनाऐं राज्य में सुर्खियाँ बनी हैं, स्पष्ट है कि अखिलेश राज्य में आधी आबादी का बुरा हाल है?

 

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