उत्तर प्रदेश की सत्तासीन समाजवादी में चल रही कलह चाचा भतीजे से हट कर अब पिता पुत्र पर आ गई है। बता दें कि अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद अब पार्टी चिन्ह को लेकर पिता पुत्र में रस्साकशी शुरू होगी है। इसी बीच निर्वाचन आयोग ने अखिलेश पक्ष और मुलायम पक्ष दोनों को हलफनामा देकर अपनी ताकत साबित करने को कहा है। साथ ही आयोग ने दोनों पक्षों को ये बताने को भी कहा है कि कितने विधायक, कितने एमएलसी और कितने एमपी का समर्थन उन्हें हासिल है।

निर्वाचन आयोग ने दोनों पक्षों से 9 जनवरी तक मांगा जवाब

  • सीएम अखिलेश और मुलायम के बीच सपा के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ को लेकर रस्साकशी जारी है।
  • ऐसे में निर्वाचन आयोग ने उन्हें अपनी ताकत साबित करने को कहा है।
  • आयोग ने दोनों पक्षों से 9 जनवरी तक इसका जवाब मांगा है।
  • यही नही दोनों पक्षों को एक दसूरे के वो दस्तावेज भी भेजे गए हैं।
  • ये वो दस्तावेज़ हैं जो दोनों पक्षों ने निर्वाचन आयोग को भेजे थे।
  • बता दें की अखिलेश पक्ष की तरफ से रामगोपाल यादव आवश्यक दस्तावेज़ आयोग को सौंप चुके हैं।
  • जबकि मुलायम सिंह अपने साथ शिवपाल यादव, अमर सिंह और जया प्रदा को लेकर निर्वाचन आयोग पहुंचे थे।
  • बहरहाल अखिलेश पक्ष का ये दावा है कि असली सपा है और 90 प्रतिशत सदस्य उनके साथ हैं।
  • गौरतलब हो कि कल से प्रदेश भर में आचार संहिता लागू कर दी गई है।
  • जिसके बाद दोनों पक्ष इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहता है।

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