लखनऊ। उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) में भ्रष्टाचार के अलग अलग कारनामे प्रकाश में आए हैं। ताजा कारनामा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मनमाने तरीके से फार्मेसी कालेज खोलने की अनुमति देने का है। अनुमति देने की सम्पूर्ण बातें फोन या मोबााइल पर नहीं हो रही हैं, बल्कि इसके लिए लैंड लाइन, व्हाट्सएप का उपयोग किया जा रहा है। इसमें करोड़ों रुपए का घोटाला हो रहा है। मुख्यमंत्री सोमवार को एकेटीयू को लेकर प्रेस कांफ्रेंस भी करने जा रहे हैं।

क्या है मामला:-

  • दरअसल निजी कालेजों के अनुरोध पर सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि तकनीकी कालेजों में फार्मेसी की मान्यता देने का काम 15 मई तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए।
  • लेकिन एकेटीयू ने इस कार्य को अभी तक केवल 72 कालेजों को मान्यता दी गई।
  • जबकि 120 कालेज अभी भी प्रतीक्षा में हैं।
  • आखिर इन कालेजों को वेटिंग में क्यों रखा गया है, इस पर विश्वि विद्यालय प्रशासन कोई जवाब नहीं दे रहा है।

कितने कालेजों ने किया था आवेदन और कितनों को मिला

  • सूत्रों के अनुसार प्रदेश के इस एकेटी विश्व विद्यालय में तकरीबन 400 से अधिक कालेजों ने फार्मेसी और अन्य कालेजों को खोले जाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन करीब सवा 192 कालेजों को इसके लिए योग्य पाया गया।
  • अब सवााल यह उठता है कि एकेटीयू में इन कालेजों को आखिर अब तक मान्यता क्यों नहीं दी गई।
  • रजिस्टर में खाली स्थान क्यों छोड़े गए।

व्हाट्सएप के जरिए हो रही है वसूली

  • इस वक्त भ्रष्टाचारियों के बीच सबसे ज्यादा सरल तकनीक व्हाट्सएप और टेलीग्राम हो गई है।
  • कहा जाता है कि इसकी काल डिटेल नहीं निकाली जा सकतीं, इसलिए सारी कार्रवाई इसके जरिेए ही की जा रही है।

  • उत्तर प्रदेश के करीब सवा दो सौ निजी कालेजों के पास इस लैंड लाइन नम्बर 0522 2771786 से बुलावा आता है कि अगर आप नहीं मिले तो आपको फार्मेसी कालेज खोलने की अनुमति नहीं मिल पाएगी।
  • उसके बाद व्हाट्सएप के जरिए वार्ता भी होती है।
  • समय निर्धारित होने के बाद कथित तौर पर लेन देन होता है और उसके बाद ही अनुमति के आदेश जारी होते हैं।

कैसे हुआ घोटाला:-

  • रिजस्टर में छोड़े गए खाली स्थान कालेजों के प्रबन्धकों और अन्य सम्बन्धित कर्मचारियों का आरोप है कि जो काम 15 मई को हो जाना चाहिए था,

  • उसे विश्व विद्यालय प्रशासन अभी तक पूरा नहीं कर पाया है।
  • जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने इसके लिए 15 मई आखिरी तारीख नियत की थी।
  • लेकिन एकेटी विश्व विद्यालय ने अपने कारनामों को बड़ी चतुराई से अंजाम देने के लिए पोस्टिंग रजिस्टर के क्रम संख्या में बीच-बीच के स्थान को छोड़ रखा है ताकि बैक डेट में उसे भेजा सके।
  • इससे विश्व विद्यालय की मंशा पर सवालिया निशान लगते हैं।

क्या कहते हैं एकेटीयू के वीसी विनय पाठक

  • एकेटीयू कुलपति विनय पाठक का कहना है कि उनके यहां कोई भी अनियमितता नहीं हो रही है।
  • यूजीसी के नियमों के तहत की कार्य किए जा रहे हैं।
  • रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार इन सब पर नजर रखे हुए हैं।
  • जहां से शिकायत आती है, उसका निस्तारण तुरंत किया जाता है।
  • कुलपति ने बताया कि सबको ईमेल कर दिया गया है।
  • लेकिन अधिकांश कालेजों में अब तक मेल नहीं पहुंचा है।
  • इसका जवाब भी कालेज प्रशासन नहीं दे रहा है।
  • एकेटीयू कुलपति विनय पाठक का कहना है कि उनके यहां कोई भी अनियमितता नहीं हो रही है।
  • यूजीसी के नियमों के तहत की कार्य किए जा रहे हैं।
  • रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार इन सब पर नजर रखे हुए हैं।
  • जहां से शिकायत आती है, उसका निस्तारण तुरंत किया जाता है।
  • कुलपति ने बताया कि सबको ईमेल कर दिया गया है।
  • लेकिन अधिकांश कालेजों में अब तक मेल नहीं पहुंचा है।
  • इसका जवाब भी कालेज प्रशासन नहीं दे रहा है।

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